आज भी कुछ लोगों की मानसिकता ऐसी है कि वे सोचते हैं कि महिलाओं के लिए जॉब कोई बहुत जरूरी नहीं है। उनका मुख्य काम घर की देखभाल है, लेकिन यह नजरिया सही नहीं है।
लाइफस्टाइल डेस्क। आज भी कुछ लोगों की मानसिकता ऐसी है कि वे सोचते हैं कि महिलाओं के लिए जॉब कोई बहुत जरूरी नहीं है। उनका मुख्य काम घर की देखभाल है, लेकिन यह नजरिया सही नहीं है। आज के समय में महिलाओं की भूमिका पूरी तरह बदल चुकी है। ज्यादातर महिलाएं उच्च शिक्षा हासिल कर रही हैं और जॉब के क्षेत्र में भी उनकी भागीदारी बढ़ती जा रही है। महिलाएं सरकारी नौकरियों में जहां उच्च पदों पर काम कर रही हैं, वहीं कॉरपोरेट क्षेत्र में भी उनकी उपलब्धियां कम नहीं हैं। आज के समय में पुरुषों से ज्यादा जरूरी है महिलाओं का जॉब करना। इससे उनमें आत्मविश्वास की भावना बढ़ती है। जानें और भी इसके सकारात्मक पहलू।
1. तनाव रहता है कम
जॉब करने वाली महिलाएं घर पर समय बिताने वाली महिलाओं की तुलना में कम तनाव में रहती हैं। उनका काफी समय ऑफिस में बीतता है, इसलिए मामूली घरेलू मामलों पर वे ज्यादा ध्यान नहीं देतीं जो अक्सर नेगेटिविटी को बढ़ावा देने वाले होते हैं।
2. रहती हैं उत्साहित
यह देखा गया है कि जॉब करने वाली महिलाएं घर पर रहने वाली महिलाओं की तुलना में ज्यादा उत्साहित रहती हैं। किसी भी समस्या पर वे व्यावहारिक रुख अपनाती हैं और निर्णय लेने के मामले में मजबूत होती हैं।
3. संघर्षशील होती हैं
जॉब करने वाली महिलाएं संघर्ष करने के मामले में आगे होती हैं। कई ऐसे उदाहरण मिलते हैं, जब उन्होंने पुरुषों से भी ज्यादा हिम्मत दिखाई। यह भी पाया गया है कि अगर किसी वजह से उनकी जॉब छूट जाती है तो वे जल्दी ही दूसरी जॉब ढूंढ लेती हैं।
4. घरेलू कलह से रहती हैं दूर
जॉब करने वाली महिलाएं घरेलू कलह से दूर रहती हैं, जबकि जो महिलाएं अपना सारा समय घर पर ही बिताती हैं, वे घरेलू झगड़ों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती हैं और पूरे माहौल को खराब कर देती हैं। इसका असर घर में रहने वाले छोटे बच्चों और दूसरे लोगों पर भी बुरा होता है।
5. रखती हैं पॉजिटिव एटिट्यूड
जॉब करने वाली महिलाएं पॉजिटिव एटिट्यूड रखती हैं। ऑफिस में काम करने से एक खास तरह का अनुशासन भी उनमें होता है। वे काम के दौरान कई तरह की समस्याओं को सुलझाती हैं। इससे उनमें सकारात्मकता की भावना विकसित हो जाती है। ऐसी महिलाएं घर में भी सबके साथ अच्छा व्यवहार करती हैं।