लॉकडाउन में बच्चों को गैजेट से रखें दूर, इसके गलत असर से बचाने के लिए अपनाएं ये 5 तरीके

कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लगने के पहले से ही बच्चों के स्कूल बंद हैं। लॉकडाउन में बच्चे घर से बाहर खेलने के लिए नहीं जा सकते। वे अपना ज्यादा से ज्यादा समय स्मार्टफोन पर गेम खेलने में बिता रहे हैं। इसका असर उनके दिलो-दिमाग पर बहुत खराब होता है।

Asianet News Hindi | Published : Apr 19, 2020 11:10 AM IST

लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लगने के पहले से ही बच्चों के स्कूल बंद हैं। लॉकडाउन में बच्चे घर से बाहर खेलने के लिए नहीं जा सकते। वे अपना ज्यादा से ज्यादा समय स्मार्टफोन पर गेम खेलने में बिता रहे हैं। इसका असर उनके दिलो-दिमाग पर बहुत खराब होता है। अगर बच्चों को गैजेट का एडिक्शन हो गया तो फिर किताबें पढ़ने में उनका मन नहीं लगता। आजकल ऑनलाइन गेम्स की भरमार हो गई है।

ज्यादातर गेम्स में हिंसा और ऐसी कई चीजें दिखाई जाती हैं, जिनका असर अच्छा नहीं होता। साइकोलॉजिस्ट्स का कहना है कि स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से बच्चों को दूर रखने की कोशिश करनी चाहिए। जानें कुछ टिप्स।

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1. स्मार्टफोन बच्चों की पहुंच से दूर रखें
जब आप स्मार्टफोन का यूज नहीं कर रहे हों, तो उन्हें ऐसी जगह रखें जहां से  छोटे बच्चे उन्हें ले नहीं सकें। अगर फोन उनकी पहुंच में होगा तो वे तुंरत उसे लेकर गेम खेलना शुरू कर देंगे। फिर आपके मना करने पर भी नहीं मानेंगे। अगर आप जबरदस्ती उनसे फोन लेना चाहेंगे तो वे रोना-धोना शुरू कर सकते हैं।

2. फोन को लॉक रखें
बच्चे आपका फोन यूज नहीं कर सकें, इसके लिए आप फोन में पासवर्ड डाल कर उसे लॉक रखें। लॉक रहने पर जब बच्चे फोन को नहीं चला पाएंगे तो वे किसी दूसरे काम में लग जाएंगे। वैसे, आजकल बच्चे काफी स्मार्ट हो गए हैं। वे इस बात को समझ सकते हैं कि आपने फोन को लॉक कर रखा है और वे आपसे पासवर्ड पूछ सकते हैं। ऐसी हालत में बेहतर होगा कि आप उन्हें टाल दें।

3. होमवर्क दें
बच्चों को घर में पढ़ाई करने के लिए होमवर्क दें। पढ़ाई का काम पूरा करने के लिए आप समय तय कर दें। इसके बाद यह देखें कि उन्होंने काम पूरा किया है या नहीं। अगर बच्चे लंबे समय तक किताबों से दूर रहेंगे तो स्कूल खुलने पर पढ़ाई में पीछे पड़ जाएंगे। 

4. इनडोर गेम्स में लगाएं
गैजेट से दूर रखने के लिए बच्चों को इनडोर गेम्स में बिजी कर सकते हैं। बच्चे लूडो, कैरम, शतरंज जैसे गेम खेल सकते हैं। इन खेलों का असर बुरा नहीं होता। आप खुद इन खेलों में उनका साथ दे सकते हैं। इससे बच्चों को अच्छा महसूस होगा।

5. क्रिएटिविटि को प्रोत्साहित करें
हर बच्चे में किसी न किसी काम का शौक रहता है। कोई बच्चा गीत बढ़िया गाता है, तो किसी को पेंटिंग करने का शौक होता है। कोई बच्चा हैंडिक्राफ्ट्स बनाने में रुचि लेता है। आप बच्चे की रुचि को जानने की कोशिश करें और उन्हें इन कामों के लिए प्रोत्साहित करें। इससे उनकी क्रिएटिविटी बढ़ेगी और गैजेट्स की तरफ उनका झुकाव कम होगा।

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