घर में आर्थिक तंगी के संकेतों को कुछ लक्षणों से पहचाना जा सकता है। चाणक्य की नीति में ये लक्षण कौन से हैं, आइए जानते हैं। चाणक्य ने हमारे जीवन से जुड़ी कई बातें बताई हैं। उन्होंने अपनी नीति में इस बारे में काफ़ी कुछ लिखा है। उनकी नीतियाँ जीवन में हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमें प्रेरित करती हैं। इसलिए कई लोग चाणक्य के मार्ग का अनुसरण करते हैं। आइए देखते हैं चाणक्य का क्या कहना है कि हम कैसे पहचान सकते हैं कि हमारे जीवन में बुरे समय की शुरुआत हो चुकी है।
सूखा तुलसी का पौधा: आमतौर पर कई लोग अपने घर में तुलसी का पौधा लगाते हैं। लेकिन चाणक्य कहते हैं कि आपके घर में सूखा तुलसी का पौधा आपके बुरे समय का संकेत देता है। यानी घर में तुलसी का पौधा सूख जाने पर आर्थिक समस्या आती है। इसलिए अगर तुलसी का पौधा मुरझा रहा है तो समझ लीजिये कि आपके लिए बुरा समय आने वाला है।
रोज़ाना के झगड़े: चाणक्य कहते हैं कि जिस घर में लगातार झगड़े होते रहते हैं, उस घर में लक्ष्मी देवी का वास नहीं होता। आपकी आर्थिक स्थिति खराब होती जाती है.. कहा जाता है कि बुरा समय शुरू हो जाता है।
टूटा हुआ शीशा: घर में टूटा हुआ शीशा अपशकुन का प्रतीक माना जाता है। चाणक्य के अनुसार, घर में शीशा टूटने से किसी न किसी को परेशानी आती है।
पूजा न होने वाला घर: चाणक्य के अनुसार, घर में सुख-समृद्धि के लिए नियमित पूजा बहुत ज़रूरी है। कहा जाता है कि रोज़ाना घर में पूजा करने से लक्ष्मी देवी का घर में आगमन होता है। गंदा पूजा घर भी एक बुरा संकेत है।
बड़ों का अनादर: चाणक्य के अनुसार जिस घर में बड़ों का अनादर होता है, वहाँ लक्ष्मी का वास नहीं होता। घर में सुख नहीं आता। इसलिए बड़ों का सम्मान करना चाहिए।