
Chooda Design Latest: शादी के दौरान कई खूबसूरत रस्में निभाई जाती हैं, जिनका अपना खास महत्व होता है। पंजाबी संस्कृति में दुल्हन को चूड़ा पहनाने की एक खास रस्म होती है। इस दौरान दुल्हन अपनी आंखों पर पट्टी बांधती है, इसलिए वह ये रस्म नहीं देख पाती। आइए जानते हैं इस परंपरा के पीछे की मान्यता और यह भी कि दुल्हन के लिए चूड़ा कौन लेकर आता है। इसके साथ ही आप कुछ खूबसूरत चूड़ा डिजाइंस भी यहां देख सकते हैं।
दुल्हन को चूड़ा पहनाने की रस्म शादी से पहले निभाई जाती है। दुल्हन के मामा उसके लिए खास चूड़ा लेकर आते हैं, जिसे पहले दूध में धोया जाता है। इसके बाद मामा ही उसे दुल्हन के हाथों में पहनाते हैं। इस दौरान लड़की की आंखों पर पट्टी बांध दी जाती है या मां उसकी आंखें बंद कर देती हैं, ताकि वह चूड़ा न देख सके। फिर चूड़े को सफेद कपड़े से ढक दिया जाता है, जिससे वह उसे तब तक न देख पाए जब तक शादी की मुख्य रस्में शुरू न हो जाएं।
एक बार जब दुल्हन के हाथों में चूड़ा पहना दिया जाता है, तो उसे तुरंत नहीं उतार सकती हैं। 40 दिन, 6 महीने या फिर साल भर तक उसे यह पहनकर रखना होता है। इसके बाद चूड़ा उतारने की भी रस्म होती है।
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चूड़ा उतारने के बाद दुल्हन को शगुन और मिठाई दी जाती है। इसके बाद चूड़ा उतार कर नदी में बहा दिया जाता है। हालांकि आजकल लड़कियां अपना चूड़ा रखने लगी हैं।
ज्योतिष के अनुसार, चूड़ा पहनने से दुल्हन के शरीर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है और आसापास का माहौल भी खुशनुमा रहता है। निगेटिव एनर्जी दूर रहती है। चूड़ा को सुहाग की निशानी भी माना जाता है।
पहले जहां दुल्हन को केवल लाल रंग का चूड़ा पहनाया जाता था, वहीं अब फैशन में बदलाव के साथ चूड़े कई रंगों में मिलने लगे हैं। पहले चूड़ा हाथी दांत से बनाया जाता था, लेकिन अब इसमें अलग-अलग मटेरियल का इस्तेमाल होने लगा है।
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