
लाइफस्टाइल डेस्क.गुड फ्राइडे के दिन ही यहूदी शासकों ने प्रेम, ज्ञान व अहिंसा का संदेश देने वाले प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ा दिया था। इससे पहले उन्हें कई तरह की यातनाएं दी गई थी। ईसाई धर्म की स्थापना करने वाले प्रभु यीशु को इस दिन याद किया जाता है। लोग चर्च में जानकर प्रार्थना करते हैं। अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं।
बताया जाता है कि जिस दिन ईसा मसीह को क्रॉस पर चढ़ाया गया था उस दिन शुक्रवार था। इसलिए उनके अनुयायी गुड फ्राइडे मनाते हैं। इस दिन होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है। इस दिन कई तरह के रिचुअल्स ईसाई समुदाय के लोग निभाते हैं। आइए जानते हैं गुड फ्राइडे के दिन ईसाई समुदाय के लोग कौन-कौन से काम करते हैं-
-ईसाई समुदाय से जुड़े कई लोग गुड फ्राइड के 40 दिन पहले से उपवास रखते हैं। कुछ लोग गुड फ्राइडे को उपवास करते हैं जिसे लेंट कहा जाता है।
-गुड फ्राइडे को ज्यादातर लोग काले कपड़े पहनते हैं। चटकीले और कलरफुल कपड़े पहनने से वो बचते हैं।
-चर्च और घरों में सजावट की तमाम चीजों को काले कपड़ों से ढक दिया जाता है।
-इस दिन लोग चर्च में घंटे नहीं बजाते हैं बल्कि प्रभु यीशु से एक विशेष प्रार्थना की जाती है। लकड़ी के खटखटे से आवाज की जाती है।
-गुड फ्राइडे के दिन ईसाई चर्च सामाजिक कार्यों को बढ़ावा देने के लिए चंदा व दान देते हैं।
-रात के समय काले कपड़े पहनकर प्रभु यीशु की छवि को लेकर पद यात्रा निकालते हैं।
-गुड फ्राइडे के दिन प्रसाद में लोग गर्म मीठी रोटी खाते हैं
ईस्टर संडे क्यों मनाया जाता है
कहा जाता है कि सूली पर चढ़ाए जाने के तीन दिन बाद प्रभु यीशु फिर से जिंदा हो गए थे। संडे के दिन वो दोबारा जिंदा हो गए थे। इसलिए इस दिन को ईस्टर संडे (easter sunday) मनाया जाता है। इस दिन अंडे के आकार का गिफ्ट देने का रिवाज है। शोक के बाद लोग इस दिन को खुशी मनाते हैं क्योंकि इस दिन इनके प्रभु यीशु वापस लौट आए थे।
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