
कांजीवरम सिर्फ एक साड़ी नहीं, एक विरासत है। जो रॉयल्टी, ट्रेडिशन और एलीगेंस का प्रतीक है। हर महिला की ख्वाहिश होती है कि उसकी अलमारी में कम से कम एक ओरिजिनल कांजीवरम साड़ी हो। लेकिन क्या आपको पता है? एक असली कांजीवरम साड़ी बनने में सिर्फ कुछ घंटे नहीं, बल्कि कई दिन लग जाते हैं! और आज मार्केट में 50% से ज़्यादा कांजीवरम साड़ियां मिक्स सिल्क या मशीन-मैड बिक रही हैं जो असली से सिर्फ दिखने में मिलती हैं। अगर आप ₹10,000–₹50,000 तक साड़ी पर खर्च कर रही हैं, तो जरूरी है कि असली खरीदी जाए। थोड़ी समझदारी, थोड़ा जांच और 5 सिंपल स्टेप्स के साथ आप असली कांजीवरम साड़ी खरीद सकती हैं।
असली कांजीवरम भारी होती है सिल्क और जरी असली होने पर साड़ी में एक नैचुरल हेवीनेस होगी। एक असली कांजीवरम की एवरेज वजन 800 ग्राम से 1.2 किलो तक होगा। अगर साड़ी बहुत हल्की लगे या चिकनी दिखे, तो वो आर्ट सिल्क हो सकती है।
असली हैंडलूम साड़ी में बारीकी में थोड़ा असमानता या ह्यूमन टच होता है। इस तरह की कांजीवरम साड़ी परफेक्ट नहीं होती हैं। मशीन मेड में हर धागा बहुत परफेक्ट होता है जो एक अलर्ट हो सकता है। ध्यान से पल्लू को उलटकर देखें, हैंडलूम पैटर्न सामने-पीछे उल्टा होगा, जबकि मशीन मेड में एक जैसा।
असली रेशम जलाने पर बाल जैसी गंध आएगी और राख बन जाएगी। नकली (पॉलिएस्टर बेस) जलने पर प्लास्टिक की महक और चिपचिपी राख बनेगी। हालांकि ये टेस्ट घर पर करें, दुकान में न करें। लेकिन यहां आप 100% pure silk certification दिखाने के लिए जरूर मांगें।
कांजीवरम की खास पहचान इसकी “Temple Border” और heavy contrast pallus है। साथ ही असली जरी (सोने या चांदी की परत चढ़ी) dull और matte finish की होती है वहीं नकली जरी चमचमाती और चमकदार दिखेगी।
असली कांजीवरम साड़ी के साथ GI (Geographical Indication) Tag या Silk Mark India का hologram स्टिकर या टैग आता है। अगर ये नहीं दिया जा रहा, तो उस साड़ी की विश्वसनीयता पर शक करें।