हैदराबाद की टीनऐज गर्ल को मिला डायना अवॉर्ड, बच्चों की इस बीमारी के लिए बनाया ऐप

Hyderabad Girl Gets Diana Award 2023: NEET की तैयारी कर रही सुहा जुबैर लंबे टाइम से समाज कल्याण में काम कर रही हैं। उन्होंने स्ट्रैबिस्मस वाले बच्चों का पता लगाने और उनको सही गाइडेंट देकर 'स्ट्रैबी-क्योर' थेरेपी से स्वस्थ्य करने का जिम्मा उठाया है।

18 साल की हैदराबादी लड़की सुहा जुबैर इस समय चर्चाओं में आ गई हैं। सुहा को अपने समुदाय में सकारात्मक बदलाव लाने और इसे बनाए रखने के लिए उनकी असाधारण प्रतिबद्धता के लिए प्रतिष्ठित डायना पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया। स्ट्रैबिस्मस वाले बच्चों का पता लगाने और उनको अभ्यास प्रदान कराकर सही करने के लिए ऐप के साथ उनकी उल्लेखनीय पहल 'स्ट्रैबी-क्योर' थेरेपी के लिए पुरस्कार मिला है। भेंगापन, स्ट्रैबिस्मस या क्रॉस आई एक ऐसी स्थिति है जिसमें आंखें एक दूसरे के साथ नहीं मिलती हैं। सुहा के समर्पण ने उनके समुदाय के 50 से अधिक बच्चों को उचित उपचार प्राप्त करने में मदद की है और देर से पता चलने के जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ाई है।

सुहा जुबैर को ऐसे मिला मानव कल्याण का आइडिया

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फिलहाल NEET की तैयारी कर रही सुहा जुबैर लंबे टाइम से समाज कल्याण में काम कर रही हैं। स्ट्रैबिस्मस, एक ऐसी स्थिति जो सुहा के भाई ने अनुभव की थी, जिसका निदान करने में डॉक्टरों को चार महीने लग गए और इससे अंधापन होने का खतरा था। 2018 में, उन्होंने स्ट्रैबी-क्योर प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया। जब वह नौ साल की थी, तो मानवता के प्रति करुणा के कारण उसने पहली बार एक दोस्त की मदद की, जिसकी आंख की हालत भी ऐसी ही थी। 

डायना पुरस्कार पाकर बहुत खुश हैं सुहा जुबैर

सुहा जुबैर ने Siasat.com को बताया, ‘डायना पुरस्कार से सम्मानित होना मेरे जीवन में एक बेहद महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस सम्मान ने न केवल मुझे मानवता पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए प्रेरित किया, बल्कि अच्छे के लिए चेंजमेकर बनने के लिए भी प्रेरित किया। मैंने बच्चों और उनके माता-पिता को अच्छे नेत्र स्वास्थ्य के महत्व के बारे में समझाया। बच्चों को अच्छी दृष्टि बनाए रखने के लिए निर्देशित व्यायाम और स्वस्थ आहार चार्ट देकर प्रोत्साहित किया। बच्चों की दृष्टि सुधारने और उन्हें अच्छी बनाए रखने में मदद करना मेरा लक्ष्य है।' इस असाधारण उपलब्धि ने सुहा को कई पुरस्कार दिलाए हैं, जिसमें डायमंड चैलेंज में प्रतिष्ठित 'गोर इनोवेशन अवॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस इन सोशल इनोवेशन' भी शामिल है।

कैसे हुई डायना पुरस्कार की शुरुआत और किसे मिलता है ये सम्मान

सियासत डेली की रिपोर्ट के अनुसार, वेल्स की दिवंगत राजकुमारी डायना के नाम पर यह पुरस्कार 1999 में स्थापित किया गया था। एचआरएच द प्रिंस ऑफ वेल्स और द ड्यूक ऑफ ससेक्स दोनों द्वारा समर्थित, यह पुरस्कार इसी नाम की चैरिटी द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। यह सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है जो किसी युवा को उसके मानवीय कार्यों के लिए मिल सकता है। डायना पुरस्कार नौ से 25 वर्ष की आयु के उन लोगों को सम्मानित करता है जो किसी भी तरह से समुदाय की भलाई के लिए काम कर रहे हैं।

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