International Day of Charity 2023:क्यों मनाया जाता है इंटरनेशनल डे ऑफ चैरिटी, जानें इस दिन का इतिहास, महत्‍व

International Day of Charity 2023: मदर टेरेसा की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में 5 सितंबर को हर साल 'इंटरनेशनल डे ऑफ चैरिटी' मनाया जाता है। आइए जानते हैं इस दिन का महत्व और क्या है थीम।

लाइफस्टाइल डेस्क. चैरिटी मतलब दान...5 सितंबर को हर साल ‘इंटरनेशनल डे ऑफ चैरिटी 2023' पूरी दुनिया में मनाया जाता है। कहते हैं दान सबसे बड़ा धर्म है। जिसका मकसद होता है परोपकारी गतिविधियों में हिस्सा लेना और जरूरतमंदों की मदद करना। इस दिन का मकसद है लोगों को आगे बढ़कर दूसरों की मदद करने को लेकर जागरूक करना। इससे ना सिर्फ आपको शांति मिलती है, बल्कि सामाजिक जुड़ाव भी पैदा होता है। युवा पीढ़ियों में उदारता के बीज भी इसके जरिए हम बोते हैं। तो चलिए इस दिन का इतिहास, महत्व और थीम बताते हैं।

इंटरनेशनल डे ऑफ चैरिटी का इतिहास ( International Day of Charity day history)

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5 सितंबर को मदर टेरेसा की पुण्यतिथि होता है। दुनिया की एक ऐसी महिला जिसने अपनी पूरी जिंदगी दूसरों की सेवा में गुजार दी। जिसे पूरी दुनिया ने मदर माना। उन्हें 1979 में गरीबी और संकट को दूर करने के लिए संघर्ष में किए गए कार्यों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार भी दिया गया था। मदर टरेसा के जीवन की बात करें तो उनका जन्म 1910 में ग्रीस के मैसेडोनिया में हुआ था। तब उनका नाम एग्नेस गोंक्सा बोजाक्सीहु हुआ करता था। लेकिन भारत के दौरे ने उन्हें बदल दिया। 1928 में भारत का दौरा कीं और संकटग्रस्‍त और ज़रूरतमंदों की मदद के लिए 1950 में उन्होंने कोलकाता में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की। मदर टरेसा की याद में चैरिटी डे मनाया जाता है।

इंटरनेशनल डे ऑफ चैरिटी 2023 थीम (International Day of Charity theme)

2015 में संयुक्त राष्ट्र के ‘सतत विकास एजेंडा 2030’ में अत्यधिक गरीबी और गरीबी उन्मूलन को दुनिया की सबसे बड़ी वैश्विक चुनौती मानी गई। इसके लिए सतत विकास की ज़रूरत को महसूस किया गया। हर साल इंटरनेशनल डे ऑफ चैरिटी का थीम गरीबी के सभी रूपों और आयामों को खत्म करने पर फोकस होता है। इस साल अभी तक कोई विशिष्ट थीम की घोषणा नहीं की गई है।

इंटरनेशनल डे ऑफ चैरिटी 2023 का महत्व (International Day of Charity significance)

इस दिन का महत्व है जरूरतमंद लोगों की मदद। बच्चों की शिक्षा, आवास और बाल संरक्षण में मदद करना है। हाशिए पर और वंचितों के अधिकारों को बढ़ावा देना और उनकी मदद करना भी इस दिन का मकसद है। सांस्कृतिक, प्राकृतिक विरासत और खेल को संरक्षित चैरिटी के जरिए किया जा सकता है। सबसे खास बात युवाओं में उदारता की भावना को बढ़ावा देना और सामाजिक गठबंधन को बनाए रखना भी इस दिन का उद्देश्य है।

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