Krishna Janmashtami 2025 Shayari: जन्माष्टमी पर भेजें 20 बेस्ट शायरी, राधा-कृष्ण भक्तों का दिल होगा गदगद

Published : Aug 16, 2025, 06:22 AM IST
Janmashtami 2025 Shayari Quotes Collection for Radha Krishna Devotees

सार

Happy Janmashtami 2025 Shayari Collection: जन्माष्टमी पर ऐसी शायरी अपने प्रियजनों को भेजना सिर्फ एक संदेश नहीं होता, बल्कि यह उस प्रेम और भक्ति का रूप है, जिसे राधा-कृष्ण युगों-युगों से दर्शाते आए हैं।

जन्माष्टमी का अवसर सिर्फ भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव नहीं है बल्कि यह प्रेम, भक्ति, आस्था और आनंद की उस लहर का भी प्रतीक है जो राधा-कृष्ण की लीलाओं से लेकर आज भी हर भक्त के दिल तक पहुंचती है। इस दिन लोग अपने प्रियजनों को शुभकामनाएं भेजते हैं, भक्ति गीत सुनते हैं और सुंदर शायरी के माध्यम से राधा-कृष्ण का स्मरण करते हैं। अगर आप भी इस जन्माष्टमी पर अपने दोस्तों, रिश्तेदारों या किसी खास को दिल छू लेने वाली शायरी भेजना चाहते हैं तो ये 20 सबसे खूबसूरत और राइमिंग शायरी आपके लिए बिल्कुल परफेक्ट हैं।

20 बेस्ट कृष्ण जन्माष्टमी शायरी (Happy Krishna Janmashtami 2025 Shayari)

राधा के बिना कृष्ण अधूरे, 

भक्तों के बिना भगवान अधूरे। 

जन्माष्टमी के पावन दिन पर, 

आपके बिना हम भी अधूरे।

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मोर मुकुट, मधुर बांसुरी,

कान्हा की प्यारी ये सवारी। 

रंग दे मेरे जीवन को भी, 

श्याम तेरे प्रेम की फुहारी।

नंद के घर आनंद भयो, 

जय कन्हैया लाल की। 

मटकी फूटी राधा हंसी, 

भक्ति बरसे गालों की।

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श्याम का रूप है सबसे प्यारा, 

राधा की हो उन पर छाया। 

इसी दुआ के साथ जन्माष्टमी पर 

आपका जीवन भी मुस्काया।

 

माखन चुराकर जिसने सबका दिल जीत लिया। 

आज उसी नटखट गोपाल ने फिर घर घर दीप जला दिया।

कृष्ण के चरणों में जिसने अपना दिल लगा दिया,

उसने जीवन का हर सुख अपने आंगन में रचा दिया।

मुरलीधर के भजन से घर का हर कोना महक जाए,

जन्माष्टमी की इस रात में हर भक्त का आंगन खिल जाए।

 

दूध-दही की बूंद में, 

कान्हा का प्यार बस जाए। 

जन्माष्टमी के इस उत्सव में, 

हर दिल राधा-कृष्ण गुनगुनाए।

 

राधा का श्रृंगार बने, कृष्ण की मधुर तान।

जन्माष्टमी के दिन बरसे, भक्तों पर भगवान का सम्मान।

श्याम तेरे कदमों में जो अपने जीवन को झुका देते हैं,

जन्माष्टमी पर तेरी एक झलक को जीवन भर का वरदान मान लेते हैं।

 

 

जो भक्ति में डूबा है, 

वो संसार से दूर है। 

कान्हा का नाम लेकर देखो, 

हर चिंता से दूर है।

 

हर पल कान्हा का नाम लो,

मन में राधा सी आस्था पालो।

जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर,

भक्ति की गंगा हृदय में बहा लो।

 

रंग तेरी प्रेम की बंसी का,

अब भी दिल तक जाता है।

कृष्ण-राधा की इस प्रेम कहानी ने,

हर युग को कुछ सिखाया है।

 

कान्हा की भक्ति, राधा का प्यार, 

इसी में छुपा है जीवन का सार। 

जन्माष्टमी की ये पावन घड़ी, 

आपकी झोली भरे अपार।

मक्खन चुराकर जिसने मीठी लीलाएं रची,

कुरुक्षेत्र में जिसने गीता की वाणी सजी।

उस प्यारे कृष्ण को सादर नमन है,

जन्माष्टमी पर आप सबको कोटि-कोटि वंदन है।

 

जो कृष्ण को अपना मान ले,

वो जीवन की हर पीड़ा भूल जाए।

राधा का नाम दिल में बसा ले,

तो प्रेम ही प्रेम बस रह जाए।

 

राधा का प्रेम बना निशानी,

कृष्ण की बांसुरी में झलक उनकी कहानी।

आज जन्माष्टमी की पावन रात है आई,

आओ प्रेम से बोलें— राधे कृष्णा जय कन्हाई!

 

नटखट कान्हा बांसुरी बजाएं, 

राधा अपने प्रिय को बुलाएं। 

जन्माष्टमी के इस सुहाने दिन, 

दुआ है आपकी खुशियां मुस्काएं।

 

रंग-बिरंगी फूलों की माला, 

श्याम तेरे द्वार सजाई है। 

राधे-राधे बोल के हमने, 

जन्माष्टमी की खुशियां मनाई हैं। 

 

सांवली सी सूरत मगर दिल से जगमगाते, 

कान्हा तेरे नाम से ही भक्ति के दीप जलाते। 

राधा की तरह नज़र तेरी ओर टिक जाए, 

जन्माष्टमी पर ऐसी कृपा हम पर भी बरस जाए।

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