
वास्तु टिप्स: जब बच्चों के बेडरूम की बात आती है तब ये बहुत स्पेशल होना चाहिए, जिससे उनकी एनर्जी बनी रहे। इसलिए बच्चों के बेडरूम के लिए कुछ विशेष नियमों का होना जरूरी होता है और वास्तु विशेषज्ञ इसे कुछ विशेष बनाने की सलाह देते हैं। बच्चों के बेडरूम के लिए वास्तु शास्त्र के कुछ महत्वपूर्ण टिप्स हैं जो बच्चों की मानसिक और शारीरिक विकास में मदद करते हैं। इन वास्तु टिप्स का पालन करके आप अपने बच्चे की फिजिकल और मेंटल हेल्थ को बेहतर बना सकते हैं। साथ ही ये टिप्स उनके कमरे में सुख-शांति बनाकर रखेंगी। यहाँ जानें 10 महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स के बारे में।
दिशा का सिलेक्शन: बच्चों का बेडरूम पश्चिम, उत्तर-पश्चिम या पूर्व दिशा में होना चाहिए। उत्तर-पश्चिम दिशा बच्चों के सामाजिक विकास में सहायक होती है, जबकि पूर्व दिशा पढ़ाई और क्रिएटिविटी को बढ़ावा देती है। दक्षिण-पूर्व दिशा में बच्चों का कमरा बनाने से बचें, क्योंकि यह अत्यधिक उग्रता और चिड़चिड़ापन ला सकती है।
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बेड की लोकेशन: बच्चों का बिस्तर दक्षिण या पूर्व दिशा में सिर रखकर होना चाहिए। बिस्तर को सीधे दीवार के साथ न सटाएं, क्योंकि इससे एनर्जी फ्लो बाधित हो सकता है। बेड के नीचे किसी भी तरह का कबाड़ या अतिरिक्त सामान जमा करने से बचें क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
बच्चे की स्टडी टेबल: बच्चों की स्टडी टेबल पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होनी चाहिए ताकि उनका ध्यान केंद्रित रहे और पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन कर सकें। स्टडी टेबल पर मिक्स-अप चीजों को हटाकर जगह व्यवस्थित रखें। मेज पर साफ-सुथरे और प्रेरणादायक वस्त्र रखना भी अच्छा माना जाता है।
दीवारों का रंग: बच्चों के कमरे की दीवारों पर हल्के और सुखदायक रंगों का प्रयोग करें जैसे हल्का पीला, हल्का हरा, हल्का नीला आदि। ये रंग मानसिक शांति और प्रेरणा को बढ़ावा देते हैं। गहरे और तेज रंगों जैसे लाल और काले रंगों का उपयोग करने से बचें क्योंकि ये तनाव और उग्रता को बढ़ा सकते हैं।
नैचुरल रोशनी और वेंटिलेशन: बच्चों के कमरे में खिड़कियां ऐसी हों जहां से प्राकृतिक रोशनी और ताजी हवा का प्रवेश हो। दिन में खिड़कियां खुली रखें ताकि कमरे में पर्याप्त सूर्य की रोशनी आए।
आईने की स्थिति: बच्चों के कमरे में आईने का स्थान विशेष ध्यान देने योग्य है। बिस्तर के सामने आईना रखने से बचें क्योंकि इससे बच्चों की नींद प्रभावित हो सकती है और अनजाने में तनाव उत्पन्न हो सकता है।
सजावट और दरवाजा: कमरे में सकारात्मकता को बढ़ावा देने के लिए प्रेरणादायक चित्र, किताबें और कलात्मक चीजें रखें। युद्ध, हिंसा या डरावनी चीजों की तस्वीरें बच्चों की मानसिक शांति को बाधित कर सकती हैं, इसलिए उनसे बचना चाहिए। बच्चों के बेडरूम का दरवाजा हमेशा पूर्वमुखी होना चाहिए। यदि बेडरूम का कलर सफेद हो और दरवाजा पूर्व दिशा में हो तो यह अच्छा माना जाने के साथ बच्चों को अच्छी नींद के लिए भी प्रेरित करता है। बच्चों के कमरे का दरवाजा पूर्व की ओर ही होना चाहिए। इसे दक्षिण दिशा में खुलना चाहिए। वास्तु के अनुसार, बेडरूम के दरवाजे पर बोर्ड या चिन्ह न लटकाएं।
बेडशीट और पर्दे: हल्के और आरामदायक रंगों की बेडशीट और पर्दे कमरे की ऊर्जा को सकारात्मक बनाए रखते हैं। बेडशीट को समय-समय पर बदलते रहें ताकि ताजगी बनी रहे।
इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण और बुक सेल्फ: बच्चों के कमरे में कम से कम इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण रखें। कंप्यूटर, मोबाइल और अन्य उपकरणों को रात में बंद कर दें और बिस्तर से दूर रखें ताकि नींद पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े। बच्चे के बेडरूम के लिए वास्तु के अनुसार स्टडी टेबल पर किताबें रखने से बचें। वास्तु शास्त्र के अनुसार बुकशेल्फ़ को उत्तर-पूर्व दिशा में रखें। बुकशेल्फ का डिजाइन लकड़ी से बनाया जाना चाहिए न कि मेटल से। मेटल बुकशेल्फ बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। स्टडी टेबल पर कभी भी किताबें न रखें।
खेल और गतिविधियां: बच्चों के कमरे में खेलने की जगह रखें और खिलौने, खेल उपकरण एक स्थान पर व्यवस्थित रखें। कमरे में ज्यादा भीड़भाड़ न करें क्योंकि इससे बच्चों का मन अशांत हो सकता है।
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