Lansdowne tourist places: दिल्ली के पास वीकेंड गेटअवे के लिए लैंसडाउन एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। भुल्ला ताल, टिप एन टॉप, और कालागढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी जैसे आकर्षणों के साथ लैंसडाउन घूमने की पूरी जानकारी यहां पाएं।
ट्रैवल डेस्क। सर्दियों में घूमने का मजा ही कुछ और होता है। पहाड़ों में बर्फबारी देखने हजारों लोग जाते हैं लेकिन अगर आप स्नो देखना चाहते हैं लेकिन भीड़भाड़ वाली जगह नहीं जाना चाहते हैं तो उत्तराखंड का लैंसडाउन सबसे परफेक्ट है। यहां पर साल के 12 महीनों मौसम सुहावना रहता है। ये जगह कभी ब्रिटिशर्स की फेवरेट थी। ये गढ़वाल राइफल्स का मुख्यालय है। आप दिल्ली में रहते हैं तो वीकेंड में यहां आ सकते हैं। राजधानी से लैंसडाउन केवल छह घंटे की दूरी पर है। तो चलिए जानते हैं आप यहां कैसे पहुंच सकते हैं।
लैंसडाउन आने पर सबसे पहले भुल्लाताल विजिट करें। ये मानव निर्मित झील है। जहां पर बोटिंग के साथ आप सनसेट का नजारा ले सकते हैं। इस झील के किनारे कई कैफे भी हैं। जहां से पर स्नैक्स का मजा उठा सकता है।
ब्रिटिश काल की वास्तुकला का उदाहरण सेंट मैरी चर्च घूमने लाखों पर्यटक आते हैं। जिसे 1895 में बनाया गया था। हालांकि 1947 में इसे गढ़वाल राइफल्स के म्यूजियम में बदल दिया गया। अगर आप फोटोग्राफी पसंद करते हैं तो इसे चुन सकती हैं।
टिप-एन-टॉप लैंसडाउन की सबसे ऊंची जगह है। जहां से हिमालय की बर्फीली पहाड़ियों का शानदार नजारा देख सकते हैं। यहां तक पहुंचने के लिए आपको ट्रैकिंग करनी पड़ सकती हैं। वहीं, ये जगह सनसेट देखने के लिए परफेक्ट है।
पहले दिन की ट्रिप लवर्स लेन के साथ एंड करें। यहां पर आप पार्टनर संग रात में रोमांटिक वॉक कर सकते हैं। ये जगह सर्दियों में शांत और खूबसरत स्टार गेजिंग के लिए जानी जाती है।
ट्रिप के दूसरे दिन की शुरुआत आप स्नो व्यूप्वाइंट से करें। दरअसल, हम बात कर रहे हैं हावागढ़ की जो बर्फ से ढके हिमालय का दिलकश नजारा दिखता है। ये ट्रैड बिगनर्स के लिए बेस्ट माना जाता है। आप यहां ट्रैक कर शानदार सनराइज देख सकते हैं।
लैंसडाउन से 10 किलोमीटर दूर स्थित यह सेंचुरी नेचर लवर्स के लिए बेस्ट है। यहां पर आप हिरण, हिमालय पक्षी और कई अन्य जानवरों को एक साथ देख सकते हैं। वहीं, यहां पर जंगल सफारी की सुविधा भी मिलती है।
लैंसडाउन आने पर कालेश्वर मंदिर जरूर जाये। ये मंदिर 500 साल से भी ज्यादा पुराना है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार ये 1887 तक मंदिर में केवल शिव जी की मूर्ति थी लेकिन वक्त के मंदिर का भी विकास हुआ और अब यहां टूरिस्ट्स की भीड़ लगी रहती है।
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