मुताह विवाह: एक अस्थायी बंधन, जानें इसके अनोखे नियम और रस्में

मुताह विवाह, जिसे खुशी की शादी भी कहा जाता है, एक अस्थायी इस्लामी विवाह है जो शिया समुदाय में प्रचलित है। इसमें शादी की अवधि पूर्व निर्धारित होती है और समाप्ति पर पति पत्नी को मेहर देता है।

दुनिया के अलग-अलग धर्मों (religion) में शादी के अलग-अलग नियम और कायदे-कानून हैं। हर धर्म अपनी रस्मों को मानता है। इसमें मुस्लिम (Muslim) धर्म भी शामिल है। इस्लाम धर्म में मुताह शादी (Mutah Marriage) की एक रस्म है। इसे खुशी की शादी भी कहते हैं। ये एक अस्थायी शादी होती है। लड़का-लड़की की रज़ामंदी के बाद शादी होती है। लेकिन शादी के वक्त ही अलग होने का समय तय होता है। समय पूरा होने पर पति-पत्नी अलग हो जाते हैं। उस समय पति, पत्नी को कुछ पैसे देता है।

यह प्रथा इस्लाम के दोनों समुदायों में नहीं है। जैसा कि आप जानते हैं, शिया और सुन्नी इस्लाम के दो मुख्य समुदाय हैं। उनकी अलग-अलग मान्यताएं और परंपराएं हैं। इनमें शादी की रस्में भी शामिल हैं। मुताह शादी की रस्म सिर्फ़ शिया मुस्लिम मानते हैं। इसमें लड़कियां जितनी बार चाहें शादी कर सकती हैं।

Latest Videos

जैसा कि पहले बताया गया है, मुताह शादी मुस्लिमों में एक अस्थायी विवाह है। मुताह एक अरबी शब्द है। इसका मतलब है खुशी या आनंद। लंबे समय तक साथ रहने की इच्छा न रखने वाले दो लोग मुताह शादी करते हैं। दुबई, अबू धाबी जैसी जगहों पर शिया समुदाय के कई मुस्लिम रहते हैं। बिज़नेस के सिलसिले में उन्हें दूर जाना पड़ता है। लेकिन वे वहाँ ज़्यादा समय तक नहीं रुकते। वहाँ रहने तक अपनी ज़रूरतें पूरी करने के लिए वे शादी करते हैं।

मुताह शादी की एक समय सीमा होती है। एक निश्चित समय के बाद दोनों तलाक ले लेते हैं। पति को पत्नी को मेहर देना होता है। ये शिया मुस्लिम पर्सनल लॉ में बताया गया है। लेकिन तलाक के बाद पति को गुज़ारा भत्ता नहीं देना पड़ता।

20-25 बार लड़कियों की शादी : मुताह शादी में किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है। लड़कियां जितनी बार चाहें शादी कर सकती हैं। ये एक महीने के लिए हो सकती है या एक साल के लिए। दोनों के बीच सहमति और समझौता ज़रूरी है। समय पूरा होने पर दोनों अलग हो जाते हैं। इस तलाक के बाद लड़का और लड़की दोनों दूसरी शादी कर सकते हैं। शादी के समय अवधि तय करनी होती है। अगर अवधि तय नहीं की गई है, तो इसे स्थायी शादी माना जाता है। सुन्नी समुदाय में यह शादी गैरकानूनी है।

ये सभी समस्याएं महिलाओं को झेलनी पड़ती हैं : यह मुताह शादी कभी-कभी रद्द हो जाती है। इसके कई कारण हैं। शादी के बाद अगर किसी एक साथी की मौत हो जाती है, तो इसे रद्द कर दिया जाता है। लेकिन महिला तुरंत दूसरी शादी नहीं कर सकती। उसे कुछ नियमों का पालन करना होता है। मुताह शादी के बाद चाहे पति की मौत हो जाए या अलग हो जाए, इस अवधि के बाद महिला को इद्दत मनानी होती है। इद्दत चार महीने दस दिन की होती है। इस दौरान महिला शादी नहीं कर सकती। ज़रूरी काम के अलावा घर से बाहर नहीं जा सकती। पुरुषों से दूर रहकर एकांत में रहना होता है। इस अवधि के पूरा होने के बाद ही उसे दूसरी शादी के लिए योग्य माना जाता है।

Share this article
click me!

Latest Videos

SC on Delhi Pollution: बेहाल दिल्ली, कोर्ट ने लगाई पुलिस और सरकार को फटकार, दिए निर्देश
शर्मनाक! सामने बैठी रही महिला फरियादी, मसाज करवाते रहे इंस्पेक्टर साहब #Shorts
महज चंद घंटे में Gautam Adani की संपत्ति से 1 लाख Cr रुपए हुए स्वाहा, लगा एक और झटका
Congress LIVE: राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस पार्टी की ब्रीफिंग
Maharashtra Jharkhand Exit Poll से क्यों बढ़ेगी नीतीश और मोदी के हनुमान की बेचैनी, नहीं डोलेगा मन!