नए साल के दिन घर के इस दिशा में करें ऐसी गणपति की मूर्ति स्थापित, संकट होंगे दूर

Published : Dec 25, 2024, 11:30 AM IST
right direction and place to keep ganesha idol at home on new year day

सार

नए साल में गणपति की स्थापना घर में सुख-समृद्धि लाती है। जानिए वास्तु के अनुसार गणपति की मूर्ति की सही दिशा, प्रकार और स्थापना के नियम क्या हैं।

गणेश जी को विघ्नहर्ता और संकटनाशक कहा जाता है। ऐसे में गणपति जी को यदि आप नए साल के पहले दिन अपने घर में लाते हैं, तो आपके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। नए साल का पहला दिन घर में सुख, शांति, और समृद्धि लाने के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन गणपति जी की मूर्ति को सही दिशा में स्थापित करना वास्तु शास्त्र और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है। इस प्रकार नए साल पर गणपति जी की सही दिशा में स्थापना और पूजा से घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।

गणपति की मूर्ति की दिशा:

उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण):

  • गणपति जी की मूर्ति को घर के उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करना सबसे शुभ होता है।
  • यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र है और इसे ज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति का स्थान माना जाता है।

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पूर्व दिशा:

  • गणपति जी की मूर्ति को पूर्व दिशा में भी रखा जा सकता है, जो सूर्य की ऊर्जा और नई शुरुआत का प्रतीक है।
  • यह दिशा घर में शुभता और खुशहाली लाती है।

उत्तर दिशा:

गणपति जी को उत्तर दिशा में स्थापित करने से धन, समृद्धि और कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।

गणपति की मूर्ति का प्रकार:

बैठे हुए गणपति:

  • घर के लिए बैठे हुए गणपति को शुभ माना जाता है।
  • यह घर में स्थिरता और शांति बनाए रखने में सहायक होता है।

दाहिने हाथ में सूंड वाले गणपति:

दाहिनी ओर मुड़ी सूंड वाले गणपति को पूजा में अधिक शुभ और फलदायक माना जाता है।

स्थापना के नियम:

साफ और ऊंचे स्थान पर रखें:

मूर्ति को जमीन पर न रखें, बल्कि एक साफ और ऊंचे स्थान पर स्थापित करें।

पीले या लाल वस्त्र में रखें:

गणपति जी को पीले या लाल वस्त्र के साथ स्थापित करना शुभ माना जाता है।

सजावट और दीप जलाएं:

मूर्ति के पास फूलों से सजावट करें और प्रतिदिन दीप जलाएं।

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मुख्य द्वार की ओर पीठ न हो:

मूर्ति का मुख मुख्य द्वार की ओर हो और पीठ किसी दीवार या अन्य स्थान की ओर न हो।

गणपति पूजा का महत्व:

  • गणपति जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है।
  • उनकी पूजा नए साल में आने वाली बाधाओं को दूर करने और हर क्षेत्र में सफलता पाने के लिए की जाती है।
  • गणपति जी को दूर्वा, लड्डू, और लाल फूल अर्पित करना शुभ फलदायक माना गया है।

 

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