सार
केले का पेड़ वास्तु शास्त्र में बेहद शुभ और पवित्र माना गया है। केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास माना गया है, यह धन, समृद्धि, और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। हालांकि, इसे घर के अंदर या बाहर लगाने के लिए कुछ खास वास्तु नियमों का पालन करना जरूरी है। केले का पेड़ को घर के बाहर या बगीचे में सही दिशा में लगाना शुभ होता है। घर के अंदर इसे लगाने से बचें। वास्तु शास्त्र के इन नियमों का पालन कर आप अपने घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा ला सकते हैं।
केले का पेड़ लगाने के वास्तु नियम:
उत्तर-पूर्व दिशा में लगाएं:
केले का पेड़ घर के बाहर हमेशा उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में लगाना शुभ होता है। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र है और भगवान विष्णु को प्रिय है।
घर के अंदर न लगाएं:
वास्तु के अनुसार केले का पेड़ घर के अंदर नहीं लगाना चाहिए। इसे घर के बाहर या बगीचे में लगाना सबसे उचित है। घर के अंदर लगाने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है।
इसे भी पढ़ें: घर में रखें ये मछली, दूर हो सकती है नकारात्मक ऊर्जा? जानें क्या कहता है वास्तु
धार्मिक दृष्टि से महत्व:
केले का पेड़ भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा में उपयोग होता है। इसे लगाने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
पानी देना और देखभाल करना:
केले का पेड़ नियमित रूप से पानी मांगता है। इसे साफ-सफाई और देखभाल के साथ रखना चाहिए। सूखा पेड़ नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है।
केले के पेड़ के पास तुलसी लगाएं:
केले के पेड़ के पास तुलसी का पौधा लगाने से शुभता बढ़ती है। यह घर के वातावरण को शुद्ध करता है।
दक्षिण या पश्चिम दिशा में न लगाएं:
दक्षिण या पश्चिम दिशा में केले का पेड़ लगाने से आर्थिक हानि और पारिवारिक समस्याएं हो सकती हैं।
इसे भी पढ़ें: क्या पुराने कपड़े का इस्तेमाल घर की साफ-सफाई और पोछा के लिए करना चाहिए?