सेंधा नमक, जिसे अंग्रेज़ी में "Rock Salt" कहा जाता है, सालों से व्रत और उपवास में बनाए जाने वाले भोजन में इसका उपयोग किया जाता रहा है। इसका उपयोग न केवल भारतीय संस्कृति में, बल्कि विभिन्न धर्मों और परंपराओं में पवित्रता और स्वास्थ्य के कारण भी किया जाता है। नवरात्रि का पावन समय शुरू हो गया है, इस खास सम में चलिए इस महत्वपूर्ण नमक के बारे में थोड़ा विस्तार से जानते हैं, कि यह नमक कहां से आता है, उपवास में इसके उपयोग और महत्व क्या है, चलिए जानते हैं।
सेंधा नमक का स्रोत क्या है? (Origin of Rock Salt)
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सेंधा नमक प्राकृतिक खनिज होता है जो समुद्र की प्राचीन और सूखे झीलों और चट्टानों से निकाली जाती है। इसे मुख्य रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है, जैसे कि भारत में हिमालय और पाकिस्तान के कहेवड़ा क्षेत्र में, सेंधा नमक की अच्छी मात्रा पायी जाती है।
सेंधा नमक समुद्री नमक की तरह पानी से नहीं निकाला जाता, बल्कि खनन प्रक्रिया से जमीन के नीचे से निकाला जाता है। इसे शुद्ध और प्राकृतिक माना जाता है क्योंकि इसे शुद्ध करने या फिर बनाने में किसी प्रकार की रासायनिक प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
सेंधा नमक का यह नाम सिंध या फिर सिंधु नदी से संबंधित है। सेंधा नमक सिंध, पश्चिम पंजा और कोहाट से आया करता था, जो कि अब पाक्सितान में बंट गया है। सिंधु या सिंध क्षेत्र से आने के कारण इस नमक का नाम सेंधा पड़ा है, इसके अलावा इसे लाहौरी नमक भी कहा जाता है, क्योंकि यह लाहौर से होते हुए भारत आता है।
व्रत में सेंधा नमक का उपयोग (Use of Rock Salt in Fasting):
सात्विक भोजन: व्रत के दौरान केवल सात्विक भोजन का सेवन किया जाता है, जो शरीर और मन को शुद्ध करता है। सेंधा नमक को सात्विक माना जाता है, क्योंकि यह रासायनिक रूप से संशोधित नहीं होता। इसलिए व्रत के भोजन में इस शुद्ध नमक का इस्तेमाल किया जाता है।
पोषण से भरपूर: सेंधा नमक में आवश्यक खनिज तत्व होते हैं, जैसे कि कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, और आयरन, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं और व्रत के दौरान पोषण की कमी को पूरा करते हैं।
शरीर को कमजोर होने से बचाता है नमक: व्रत के दौरान सेंधा नमक का उपयोग शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने में मदद करता है, जिससे थकावट और कमजोरी से बचा जा सकता है।
उपवास में सेंधा नमक का महत्व (Significance of Rock Salt in Fasting):
पवित्रता और शुद्धता: सेंधा नमक को पवित्र माना जाता है और इसका उपयोग केवल व्रत के दौरान किया जाता है। समुद्री नमक में आयोडीन और अन्य रासायनिक तत्व मिलाए जाते हैं, जो व्रत के भोजन में स्वीकार्य नहीं होते।
शारीरिक संतुलन: व्रत के दौरान सेंधा नमक का सेवन शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करता है, जो थकान, सिरदर्द, कमजोरी और चिड़चिड़ापन से बचने में मददगार होते हैं।
पाचन शक्ति बढ़ाने वाला: सेंधा नमक पाचन तंत्र को सही रखने में मदद करता है। व्रत के दौरान अन्य प्रकार के नमक के बजाय इसे लेना पाचन में सहायक होता है।
सेंधा नमक के स्वास्थ्य लाभ (Health Benefits of Rock Salt):
पाचन में सुधार: सेंधा नमक पाचन तंत्र को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है और पेट की समस्याओं जैसे कि अपच और गैस से राहत दिलाता है।
ब्लड प्रेशर कंट्रोल करना: यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में मदद करता है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से परेशान होते हैं।
इम्यूनिटी बूस्टर: इसमें मौजूद मिनरल शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
हिंदू धर्म में उपवास के दौरान सेंधा नमक का सेवन करना धार्मिक मान्यता से जुड़ा हुआ है। इसे भगवान की कृपा पाने और शरीर की शुद्धि के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
व्रत के दौरान सेंधा नमक का उपयोग मानसिक और शारीरिक शुद्धता बनाए रखने के उद्देश्य से किया जाता है, जो व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से उन्नत करता है।
इस प्रकार, सेंधा नमक व्रत और उपवास के दौरान स्वास्थ्य, पवित्रता और धार्मिक महत्व के कारण एक आवश्यक सामग्री मानी जाती है।