बारिश के मौसम में घर में हरियाली लाने के लिए कुछ खास पौधे हैं जो आसानी से उगते हैं और हवा को भी शुद्ध रखते हैं।
अमेरिका का यह पौधा अब भारत के घरों में भी खूब देखा जाता है। इसकी खासियत है कि यह छोटे गमलों या टोकरियों में भी आसानी से उग जाता है। बारिश के मौसम में भी यह बिना किसी परेशानी के बढ़ता रहता है। यह आसानी से मुरझाता नहीं है, बल्कि ठंड में भी हरा-भरा रहता है। पानी की अधिकता या कमी, दोनों ही परिस्थितियों में यह पौधा जीवित रह सकता है। हवा में मौजूद नमी को सोखकर यह हवा को शुद्ध करता है, इसलिए अपार्टमेंट में रहने वाले लोग इसे खूब पसंद करते हैं। यही वजह है कि यह घरों में एक लोकप्रिय पौधा बन गया है।
अफ्रीका का यह पौधा अब भारत में भी घरों की शोभा बढ़ाता है। इसकी खासियत है कि यह हवा को शुद्ध करता है और बारिश के मौसम में भी आसानी से पनपता है। यह दो तरह का होता है और दोनों ही घरों में गमलों या टोकरियों में लगाने के लिए उपयुक्त होते हैं। नासा ने भी माना है कि यह पौधा हवा से फॉर्मेल्डिहाइड और ज़ाइलीन जैसे जहरीले तत्वों को दूर करने में मददगार होता है। इसकी देखभाल भी आसान है और यह छोटे गमलों में भी हरा-भरा रहता है। बारिश के मौसम में हवा में मौजूद नमी को सोखकर यह हवा को शुद्ध करता है।
पश्चिमी अफ्रीका का यह पौधा अब घरों की सजावट का अहम हिस्सा बन गया है। इसकी पत्तियाँ साँप जैसी दिखती हैं, इसलिए इसे स्नेक प्लांट कहा जाता है। यह गर्म वातावरण में बाहर और ठंडे वातावरण में घर के अंदर आसानी से उग सकता है। इसे कम रोशनी और पानी की आवश्यकता होती है, इसलिए इसे घरों में लगाना आसान होता है। सर्दियों में तो इसे दो महीने में एक बार पानी देने पर भी यह हरा-भरा रहता है। ध्यान रखें कि ज्यादा पानी देने से इसकी जड़ें सड़ सकती हैं। इसकी देखभाल भी आसान है और इसे ज्यादा मेहनत की ज़रूरत नहीं होती है। नासा के अनुसार, यह पौधा भी हवा को शुद्ध करने में मददगार होता है।
ऑर्किड के पौधे लगभग 800 प्रकार के होते हैं और हर प्रकार की खुशबू और रंग अलग होता है। ऑर्किड दुनिया भर में पाए जाते हैं, सिवाय बर्फीले इलाकों के। दुनिया में सबसे ज़्यादा ऑर्किड की प्रजातियाँ गर्म देशों में पाई जाती हैं। इन फूलों का इस्तेमाल अक्सर परफ्यूम बनाने में किया जाता है। घरों में इन्हें सजावट और खुशबू के लिए लगाया जाता है। ये हवा में मौजूद नमी को सोखकर घर के वातावरण को खुशनुमा बनाते हैं, इसलिए लोग इन्हें घरों में लगाना पसंद करते हैं।
फिलोडेंड्रोन के पौधे छायादार जगहों पर भी आसानी से उग जाते हैं, इसलिए यह घरों में लगाने के लिए एक लोकप्रिय पौधा है। बारिश के मौसम में भी यह पौधा मिट्टी में नमी होने पर भी आसानी से बढ़ता है। इसे घरों में मिट्टी के गमलों या पानी से भरे बर्तनों में भी उगाया जा सकता है। यह पौधा 15-18 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी आसानी से बढ़ता है और इसे ज्यादा रोशनी की ज़रूरत नहीं होती है।
फिलोडेंड्रोन के फूलों से निकलने वाले राल का इस्तेमाल मधुमक्खियाँ अपने छत्ते बनाने में करती हैं।
दक्षिण अमेरिका का यह पौधा अपनी अनोखी बनावट के कारण किसी भी जगह पर आसानी से उग सकता है। इसे नर्व प्लांट भी कहा जाता है। बारिश के मौसम में हवा में मौजूद नमी से ही यह अपना भोजन बना लेता है। यह पौधा कई रंगों में पाया जाता है, जैसे हरा, लाल आदि। इसकी पत्तियों पर नसों जैसी संरचना साफ दिखाई देती है। इसके फूल बहुत छोटे होते हैं। यह पौधा धूप और छाया दोनों जगहों पर आसानी से बढ़ सकता है।
पीस लिली के फूल अमेरिका और एशिया के कई देशों में पाए जाते हैं। इसकी लगभग 47 प्रजातियाँ हैं। यह पौधा बारिश के मौसम में और नमी वाली जगहों पर भी आसानी से बढ़ता है, इसलिए इसे घरों में लगाना आसान होता है। इसे ज्यादा रोशनी और पानी की ज़रूरत नहीं होती है। इसके फूलों की बनावट अनोखी होती है और ये पत्तियों के ऊपर खिलते हैं। ये दिखने में बहुत सुंदर लगते हैं। घर के अंदर भी आसानी से उगने की क्षमता के कारण लोग इसे सजावट के लिए भी लगाते हैं।