इन 3 दिशाओं में है व्यापार स्थल का मुख्यद्वार, तो आपको होगा घाटा ही घाटा!
वास्तु एक्सपर्ट पंकित गोयल के अनुसार, नॉर्थ वेस्ट, साउथ ईस्ट और साउथ वेस्ट दिशा में मुख्य द्वार होने से व्यापार में नुकसान, कर्ज और मानसिक अस्थिरता जैसी समस्याएं आ सकती हैं। जानें इन समस्याओं का समाधान और बिजनेस में तरक्की के वास्तु टिप्स।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, व्यापार स्थल में प्रवेश द्वार की दिशा बहुत महत्वपूर्ण होती है। ऊर्जा, धन और अन्य चीजों के प्रवेश मार्ग होने के कारण मुख्य द्वार का सही वास्तु होना बहुत जरूरी है। यदि घर या व्यापार स्थल का मुख्य द्वार सही स्थान पर है, तो इससे आपको व्यापार में तरक्की एवं घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी। हालही में वास्तु एक्सपर्ट पंकित गोयल ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर मुख्य द्वार को लेकर पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि नॉर्थ वेस्ट, साउथ ईस्ट और साउथ वेस्ट में प्रवेश द्वार होने से विशेष रूप से व्यापारियों के लिए समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। साथ ही एक्सपर्ट इसके समाधान भी बताया है, चलिए देखते हैं।
1. नॉर्थ वेस्ट (उत्तर-पश्चिम) दिशा में प्रवेश द्वार
कर्ज: इस दिशा में प्रवेश द्वार होने से धन की आवक कम होती है और व्यापार में कर्ज लेने की स्थिति बन सकती है।
व्यापारिक रिश्ते खराब होना: पार्टनरशिप और ग्राहकों के साथ संबंधों में तनाव और विवाद उत्पन्न हो सकते हैं।
मानसिक अस्थिरता: उत्तर-पश्चिम दिशा का द्वार मन को भटकाता है, जिससे निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है।
समाधान: एल्युमीनियम या आयरन की पत्ती रखें, यह बुरे प्रभाव को रोकेगा।