
तिब्बती स्वेटर मार्केट की एक अपनी ही खुशबू होती है ऊन की मिट्टी-सी महक, रंगबिरंगे पैटर्न, और कारीगरों की तेज उंगलियों से जन्म लेते गर्म, मुलायम और असली स्वेटर। भारत में विंटर शुरू होते ही इन मार्केट्स की रौनक बढ़ जाती है। लोग यहां सिर्फ खरीदारी करने नहीं आते, बल्कि एक भरोसे के साथ लौटते हैं कि उन्हें ऐसा स्वेटर कहीं और नहीं मिल सकता। तिब्बती कारीगरों की कला पीढ़ियों से चली आ रही है और उनकी बुनाई में जो गर्माहट मिलती है, वह मशीन से बने किसी भी स्वेटर में नहीं मिलती। भारत में कई शहरों में तिब्बती मार्केट मिलते हैं, लेकिन सिर्फ कुछ जगहें ऐसी हैं जहाँ असली, हैंडमेड और सबसे गर्म तिब्बती स्वेटर मिलते हैं। आइए जानते हैं उन 7 जगहों के बारे में, जहां का तिब्बती स्वेटर मार्केट अपने आप में एक लैंडमार्क है।
दिल्ली के दिल में बसे मजनू का टीला को लिटिल तिब्बत भी कहा जाता है। यहां के स्वेटर हैंडवोवन, मोटे और बेहद गर्म होते हैं। खास बात यह है कि यहां मिलने वाले स्वेटर असली याक वूल और तिब्बती ऊन से तैयार किए जाते हैं। सर्दियों में यहां भीड़ इतनी बढ़ जाती है कि हर दुकान पर ऑथेंटिक तिब्बती पैटर्न वाले कार्डिगन, स्टोल और जैकेट्स टंगे हुए दिख जाते हैं।
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अगर असली तिब्बती हैंडिक्राफ्ट और वूलन तलाश रहे हों, तो सबसे भरोसेमंद हिमाचल में जगह यही है। यहां के तिब्बती परिवार पारंपरिक करघों पर स्वेटर बनाते हैं। मैक्लोडगंज के मार्केट में आपको ऐसे स्वेटर मिलेंगे जो कम तापमान वाले पहाड़ी इलाकों के लिए बनाए जाते हैं। मतलब बिना भारी वजन के आपको जबरदस्त गर्माहट मिलेगी।
उत्तराखंड के देहरादून का तिब्बती मार्केट हर साल सर्दियों में अपनी लोकप्रियता पर पहुंच जाता है। यहां के स्वेटर हल्के होते हैं, लेकिन गर्माहट शानदार देंगे। यदि आप मॉडर्न और ट्रेडिशनल मिक्स पैटर्न चाहते हैं, तो यह मार्केट बेस्ट माना जाता है। यहां शॉल, याक वूल जैकेट और हैंडमेड स्वेटर बड़ी रेंज में मिलते हैं।
राजस्थान में भी तिब्बती समुदाय ने अपने विंटर हैंडिक्राफ्ट की अलग पहचान बनाई है। जयपुर के तिब्बती मार्केट में आपको कलरफुल, थिक निट और लॉन्ग-लास्टिंग स्वेटर मिलेंगे। यहां विशेष रूप से तिब्बती डिजाइंस वाले कार्डिगन और ओवरसाइज्ड वूलन बेहद पसंद किए जाते हैं। कीमतें भी पॉकेट-फ्रेंडली होती हैं।
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पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में तिब्बती बुनकरों का काम बहुत फेमस है। यहां के स्वेटर में खास तरह की फाइन वूल का इस्तेमाल होता है, जो हल्की होते हुए भी बेहद गर्म रहती है। पहाड़ी मौसम के लिए बने ये स्वेटर पूरे देश में भेजे जाते हैं। दार्जिलिंग मार्केट में आपको ऑथेंटिक तिब्बती पैटर्न, फरी कॉलर और हैंडमेड जैकेट खूब देखने को मिलेंगे।
मुंबई में ठंड भले कम होती हो, लेकिन मुंबई का बांद्रा तिब्बती स्वेटर मार्केट पूरी तरह क्लासिक और ट्रेंडी विकल्पों से भरा होता है। यहां लाइटवेट लेकिन सुपर-वॉर्म स्वेटर, बोहो स्टाइल तिब्बती जैकेट, और मल्टीकलर हैंड-निट कार्डिगन सबसे ज्यादा बिकते हैं। क्वॉलिटी और फिनिशिंग के मामले में यह बाजार बड़े शहरों के तिब्बती मार्केट को टक्कर देता है।
कोलकाता के धर्मतला (Esplanade) एरिया का तिब्बती मार्केट पूर्वी भारत में सबसे बड़ा माना जाता है। यहां तिब्बती परिवार पीढ़ियों से ऊनी स्वेटर बेचते आए हैं। यहां के स्वेटर खास बात यह है कि ये बहुत हल्के होते हैं लेकिन वॉर्मथ डबल होती है। एंगोरा वूल स्वेटर और तिब्बती डिजाइन वाली जैकेटें यहां की पहचान हैं।