वास्तु शास्त्र एक भारतीय विज्ञान है, जो घर में चीजों को सही जगह रखने के लिए दिशा निर्देश देती है। वास्तु शास्त्र को मानने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, घर की सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। वास्तु शास्त्र आपको घर पर रखी चीजों को सही स्थान पर रखने और उससे मिलने वाले लाभ के बारे में बताता है। बहुत से लोगों को लगता है कि क्या ही वास्तु शास्त्र को मानना, बता दें कि वास्तु शास्त्र को मानने से जब आपको लाभ मिलेगा, आप हर छोटी-बड़ी चीज को इसके अनुसार करेंगी। ऐसे में आज हम आपको कर पर रखने वाले कूड़ेदान के बारे में बताएंगे। घर के हर स्थान पर आप कूड़ा इकट्ठा नहीं कर सकते हैं, इससे आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ने लगेगा। आज के इस लेख में कूड़ेदान रखने के सही जगह के बारे में हमने अपने एस्ट्रो एक्सपर्ट शिवम पाठक से पुछा है, चलिए इसके बारे में जान लेते हैं।
घर की इन दिशाओं में न रखें कूड़ा दान
दक्षिण दिशा में न रखें कूड़ा कचरा
वास्तु शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को अपने घर के दक्षिण दिशा में कूड़ा कचरा नहीं रखना चाहिए। दक्षिण दिशा मृत्यु और परिवर्तन के देव यम का स्थान और संबंधित क्षेत्र है। इस दिशा पर कूड़ा फेंकना आपके लिए अच्छा नहीं है, इसलिए इस दिशा को हमेशा साफ सुथरा रखना चाहिए, ताकि जीवन में किसी भी तरह की नकारात्मकता और कलह-क्लेश एवं हानि न हो।
उत्तर-पूर्व दिशा में न रखें कूड़ा-कचरा
वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर पूर्व दिशा घर के सबसे शुभ स्थान और दिशा में से एक है। यह स्थान जल तत्व से संबंधित है, इसे ज्ञान और समृद्धि की दिशा मानी गई है। इस दिशा में यदि आप गंदगी या कूड़ा दान या फिर कचरा फेंकते या इकट्ठा करते हैं, तो यह आपके घर के सकारात्मक ऊर्जा को प्रभावित करता है। ऐसा करने से घर को वित्तीय समस्या का सामना करना पड़ता है, मानसिक तनाव बढ़ता है और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत बढ़ती है। इसके अलावा घर वालों के अध्यात्मिक विकास पर भी गलत प्रभाव डालता है। घर वालों को चाहिए कि यह दिशा हमेशा साफ-सुथरी हो, कूड़ा-कचरा इस दिशा और स्थान से दूर रहे।
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दक्षिण-पूर्व दिशा में न रखें कूड़ादान
घर की दक्षिण पूर्व दिशा अग्नि तत्व की है, यह ऊर्जा, शक्ति और समृद्धि का क्षेत्र है। यदि आप इस क्षेत्र को गंदा करते हैं, तो इससे अग्नि तत्व पर गलत प्रभाव पड़ता है। अग्नि तत्व के प्रभावित होने से घर वालों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। घरवालों के बीच कलह क्लेश उत्पन्न होता है। वित्तीय अस्थिरता बढ़ने लगती है और सकारात्मक ऊर्जा अवरुद्ध होती है। ऐसे में मनुष्यों को चाहिए कि दक्षिण-पूर्व दिशा में साफ सफाई का विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान दें
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