
Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज अपने प्रवचनों से लाखों लोगों का जीवन बदल रहे हैं। राधा नाम के जाप और बैलेंस डेली रूटीन अपनाने से लोग एक हेल्दी और शांत जीवन जी रहे हैं। उनकी प्रेरणा से कई लोग शराब, सिगरेट और तंबाकू जैसी बुरी आदतें छोड़ चुके हैं। वृंदावन में उनके दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। सभी के मन में सवाल रहता है कि दोनों किडनियां खराब होने के बावजूद महाराज जी कैसे इतना स्वस्थ जीवन जी रहे हैं, वे कब सोते-जागते हैं और उनकी दिनचर्या कैसी है। चलिए जानते हैं महाराज जी का पूरा रुटीन और वे भक्तों को क्या सलाह देते हैं।
महाराज जी बताते हैं कि रात लगभग 11–11:30 बजे उनकी नींद खुल जाती है और वे भगवत स्मरण शुरू कर देते हैं। कभी दर्द होता है तो कुछ देर लेट जाते हैं, फिर बैठकर दोबारा स्मरण करते हैं। रात 1 बजे तक उन्हें एक-दो बार लेटना पड़ता है। इसके बाद वे जल पीते हैं और शौच-स्नान करते हैं। करीब 1:45 बजे तक स्नान आदि पूरा हो जाता है। फिर वे यमुना अष्टक का पाठ करते हैं और 2 बजे से कुछ पहले नीचे आ जाते हैं। इसके बाद पदयात्रा करते हुए भक्तों के बीच पहुंचते हैं और लगभग 9 बजे तक वहीं रहते हैं। इसके बाद राधा रानी की सेवा करके प्रसाद ग्रहण करते हैं और फिर डायलिसिस के लिए जाते हैं, जहां लगभग 4 घंटे का समय लगता है। लौटने पर दोबारा शौच-स्नान कर संध्या पूजा और भजन करते हैं। रात 8 बजे वे सो जाते हैं, जिससे लगभग 3 घंटे 50 मिनट का ही विश्राम मिल पाता है। महाराज जी कहते हैं कि हर समय यही प्रयास रहता है कि मन में लगातार प्रभु की स्मृति बनी रहे।
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महाराज जी बताते हैं कि शास्त्रीय पद्धति के अनुसार इंसान को रात 9-10 बजे के बीच सो जाना चाहिए और सुबह 6 बजे से पहले उठ जाना चाहिए। सूर्योदय से पहले जागकर शौच-स्नान कर अपने काम में लग जाना चाहिए। इसके साथ ही वे नियमित वॉक और प्राणायाम करने की सलाह देते हैं। उनके अनुसार, स्वस्थ जीवन के लिए 6-7 घंटे की नींद पर्याप्त मानी जाती है।
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