प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि अगर आपके भाग्य में कुछ नहीं है, तो भजन, तप और एकादशी व्रत से नया भाग्य बनाया जा सकता है। भगवान का नाम जपने से पापों का नाश होता है, मन शुद्ध होता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज: वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद जी महाराज के पास हर दिन भक्त अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आते हैं। प्रेमानंद जी महाराज अपने ज्ञान और अनुभव से भक्तों का मार्गदर्शन करते हैं। हाल ही में, एक भक्त ने प्रेमानंद महाराज से पूछा कि क्या कोई चीज़ आपके भाग्य में न होने पर भी आपको पसंद आने पर प्राप्त करना संभव है? अगर वह संभव है, तो आप उसे कैसे प्राप्त कर सकते हैं? आइए जानें कि प्रेमानंद महाराज ने इस प्रश्न पर क्या कहा।
अगर वह चीज़ आपके भाग्य में नहीं है, तो आप उसे कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
एक प्रवचन के दौरान, एक भक्त ने पूछा, "महाराज जी, अगर कोई चीज़ आपको पसंद है और वह आपके भाग्य में नहीं है, तो आप उसे कैसे प्राप्त कर सकते हैं? क्या मैं अपना भाग्य बदल सकता हूं?" इस प्रश्न पर प्रेमानंद महाराज जी ने उत्तर दिया, "हां, कर सकते हो। तुम्हें मिलेगा। भगवान के लिए तप करो, भजन करो। हम कह रहे हैं कि अगर ज़्यादा व्रत नहीं हैं, तो कम से कम दो व्रत तो रखना शुरू कर दो। महीने में दो एकादशी व्रत आते हैं। एकादशी व्रत रखते रहो और तप करो।"
प्रेमानंद महाराज ने उपाय समझाया
प्रेमानंद महाराज जी ने कहा, "तप से क्या नहीं मिलता? अगर हम भजन और तप करें, तो हम जो चाहें पा सकते हैं। अगर हम भजन और तप नहीं करेंगे, तो हमें वही मिलेगा जो हमारे भाग्य में है। उससे आगे हमें कुछ नहीं मिल सकता। हमें एक नया भाग्य बनाना होगा। हम मनुष्य योनि में आए हैं, इसलिए हम यहाँ सिर्फ़ जानवरों की तरह अपना भाग्य भोगने नहीं आए हैं।"
भजन के हित में कामनाएं
महाराज जी भक्त को आगे बताते हैं कि हम एक नया भाग्य बनाने आए हैं, और नया भाग्य तप और भजन से बनता है। अब, उपवास करते हुए, प्रभु का नाम जपें, आप जो चाहें कर सकते हैं। ब्रह्म पद प्राप्त कर सकते हैं, ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं, फिर और क्या बचा है? क्षुद्र सांसारिक पदों को छोड़ दें, हम ब्रह्म पद प्राप्त कर सकते हैं, ईश्वर पद प्राप्त कर सकते हैं। अच्छा पद, धन, अच्छी गाड़ी, अच्छा परिवार ये हैं इच्छाएं। भजन के रस से आपकी ये सभी इच्छाएँ पूरी होंगी, और मूल में आपको भगवान कृष्ण मिलेंगे।
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भाग्य बदलने का उपाय
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, अपना भाग्य बदलने के लिए खूब भजन गाएं, मांसाहार और मदिरापान से बचें, पराई स्त्रियों पर बुरी नज़र डालने से बचें और प्रभु का नाम जपें। फिर देखें कि आप क्या नहीं कर सकते, लेकिन दृढ़ निश्चय के साथ नाम जपते रहें। जब तक नाम जपने से आपके पाप नष्ट नहीं होंगे, तब तक आपको फल नहीं दिखाई देंगे। आपका हृदय ईर्ष्या से भर जाएगा, आपका मन बेचैन रहेगा, और जिस दिन नाम जपने से आपके सभी पाप नष्ट हो जाएंगे, आनंद की धारा बहेगी। लेकिन जब तक हमारे पाप बने रहेंगे, वे हमें धन, समृद्धि या सुख प्राप्त करने से रोकेंगे। ऐसी स्थिति में, यदि हम पहले नाम-जप और भजन-कीर्तन करके अपने पापों का नाश कर लें, तो हमारा कार्य सिद्ध हो जाएगा।
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