नमक के दाने से भी छोटा पर्स, दुनिया के सबसे छोटे हैंडबैग की कीमत है 52 लाख रुपए

Published : Jul 01, 2023, 12:56 PM IST
smallest bag in the world

सार

Microscopic Handbag Cost: इन दिनों सोशल मीडिया पर दुनिया का सबसे छोटा हैंडबैग खूब छाया हुआ है। इस सूक्ष्म हैंडबैग ने अपने अविश्वसनीय छोटे आकार के कारण इंटरनेट पर तहलका मचा दिया है।

महिलाओं द्वारा हैंडबैग डेली यूज की जाने वाली एक सबसे अहम एक्सेसरी होती है। इसके बिना हर लड़की का लुक अधूरा और बेकार सा लगता है। मारकेट में आजकल एक से बढ़कर एक स्टाइलिश हैंडबैग आ चुके हैं जो कि आपकी खूबसूरती को दुगुना कर देते हैं। वैसे इन दिनों सोशल मीडिया पर भी एक हैंडबैग छाया हुआ है। इसे दुनिया का सबसे छोटा हैंडबैग बताया जा रहा है। जी हां, एक सूक्ष्म हैंडबैग(microscopic handbag) जिसने अपने अविश्वसनीय छोटे आकार के कारण इस महीने की शुरुआत में इंटरनेट पर तहलका मचा दिया है। ये बैग आप अपनी आंखों से सही से देख भी नहीं पाएंगे, इसके लिए आपको सूक्ष्मदर्शी की आवश्यकता पड़ेगी।

माइक्रोस्कोपिक हैंडबैग की क्या है कीमत?

सोशल मीडिया पर यह माइक्रोस्कोपिक हैंडबैग बहुत छाया हुआ है। सबसे चौंकाने वाली बात तो ये है कि एक ऑनलाइन नीलामी में इस सूक्ष्म हैंडबैग को 52 लाख रुपये (63,750 अमेरिकी डॉलर) से अधिक में बेचा गया है। अगर हम बैग के साइज की बात करें तो यह सिर्फ एक नमक के दाने से भी कम साइज का है। इसे कोई भी नंगी आंखों से नहीं देख सकता है। इस बैग को देखने के लिए सभी को माइक्रोस्कोप की आवश्यकता होगी।

माइक्रोस्कोपिक हैंडबैग का क्या है साइज?

न्यूयॉर्क स्थित कला समूह MSCHF द्वारा निर्मित यह बैग नीलामी घर जूपिटर में भारी पैसों में बिका। फैरेल विलियम्स द्वारा स्थापित नीलामी घर ने 27 जून को पीले-हरे फ्लोरोसेंट बैग को $63,750 (52,34,349) में बेचा। बैग का माप 657* 222 गुणा 700 माइक्रोमीटर है। बताया जा रहा है कि यह बैग आकार में इतना छोटा है कि यह सुई के होल से भी आर-पार निकल सकता है।

 

इस हैंडबैग को खरीदार को पर्स देखने के लिए built-in digital display वाले माइक्रोस्कोप के साथ बेचा गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह बैग लुई वुइटन की कृति का नमूना है और इसमें ब्रांड का लोगो भी है। MSCHF के मुख्य रचनात्मक अधिकारी, केविन विस्नर ने खुलासा किया है कि उन्होंने बैग पर लुई वुइटन के लोगो का उपयोग करने की अनुमति नहीं मांगी थी। उन्होंने द न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि बैग को दो-फोटॉन पोलीमराइजेशन का उपयोग करके बनाया गया था। एक 3-डी प्रिंटिंग तकनीक जिसका उपयोग आमतौर पर मैकेनिकल बायोटेक संरचनाएं बनाने के लिए किया जाता है।

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