Children Habits Must Change: बच्चों की जिद, झूठ, आलस जैसी आदतें भविष्य में बड़ी समस्याएं पैदा कर सकती हैं। समय रहते इन आदतों को सुधारना जरूरी है, जानें कैसे।
रिलेशनशिप डेस्क: बचपन में डाली गई आदतें बच्चों के भविष्य को आकार देती हैं। कुछ आदतें यदि समय पर नहीं रोकी गईं, तो वे आगे चलकर गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि बच्चों की गलतियों पर तुरंत प्रतिक्रिया देने के बजाय समझदारी से काम लें। याद रखें कि बचपन में डाली गई सही आदतें ही बच्चों के भविष्य का आधार बनती हैं। ऐसे में उन्हें समय-समय पर उनके व्यवहार का एनालेसिस करने में मदद करें। यहां जानें बच्चों की ऐसी आदतें, जिन्हें समय रहते सुधारना बहुत जरूरी है।
यह आदत बच्चे को हठी यानि जिद्दी बना सकती है। ऐसे में सबसे पहले उनकी जिद के पीछे का कारण समझें। बार-बार उनकी हर मांग पूरी न करें। उन्हें समझदारी से ना कहना सिखाएं।
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झूठ बोलने की आदत से बच्चे की ईमानदारी और भरोसा कमजोर हो सकता है। इसलिए बच्चे को झूठ के परिणाम समझाएं। सजा देने के बजाय उन्हें सच बोलने के लिए प्रोत्साहित करें। साथ ही खुद भी उनके सामने ईमानदारी से पेश आएं।
यह आदत बच्चे को गैर-जिम्मेदार बना सकती है। इसीलिए छोटे-छोटे काम करने की आदत डालें। उन्हें टाइम मैनेजमेंट का महत्व सिखाएं और हर काम के लिए प्रोत्साहित करें।
इससे उनकी पढ़ाई, स्वास्थ्य और मानसिक विकास प्रभावित हो सकता है। स्क्रीन टाइम को कंट्रोल करें और बच्चों को आउटडोर एक्टिविटीज में शामिल करें।स्क्रीन की बजाय किताबों और क्रिएटिव एक्टिविटीज का ऑप्शन दें।
इससे बच्चा अपनी गलतियों की जिम्मेदारी नहीं लेगा। उन्हें अपनी गलतियों को स्वीकारने और सुधारने का महत्व सिखाएं। आत्म-जिम्मेदारी और आत्म-निर्भरता बढ़ाने पर ध्यान दें।
यह आदत बच्चों के सामाजिक व्यवहार को प्रभावित कर सकती है। उन्हें दूसरों की भावनाओं का सम्मान करना सिखाएं। मारपीट के बजाय बात करके समस्या हल करने की आदत डालें और सकारात्मक व्यवहार के लिए इनाम दें।
जंक फूड और अनहेल्दी स्नैक्स खाने से बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। घर पर हेल्दी और स्वादिष्ट ऑप्शन तैयार करें। अपने बच्चों को पोषण के फायदे बताएं और नियमित खाने का शेड्यूल बनाएं।
यह आदत बच्चों को अनुशासनहीन बना सकती है। बच्चों के साथ कम्युनिकेशन करें। सख्ती के बजाय प्यार से अनुशासन सिखाएं। अपने व्यवहार से उदाहरण प्रस्तुत करें।
इससे वे जीवन में जोखिम लेने से डरेंगे और हमेशा असुरक्षित महसूस करेंगे। उनकी छोटी-छोटी उपलब्धियों की तारीफ करें। उन्हें हर नई चीज आजमाने के लिए प्रेरित करें और नकारात्मक शब्दों से बचें।
यह उनके सामाजिक और व्यक्तिगत रिश्तों को खराब कर सकता है। उन्हें दूसरों के प्रति आदर और विनम्रता का महत्व सिखाएं। हर किसी के साथ सभ्य व्यवहार करने की आदत डालें।
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