
मॉडर्न लाइफस्टाइल में बहुत कुछ बदल चुका है और जीने के तरीके भी बदल चुके हैं। आजकल डिजिटल दौर में रिलेशनशिप का मतलब पहले जैसा नहीं रह गया। रिश्तो में आजादी से लेकर बराबरी हर किसी को चाहिए। अगर जरा सी चूक हो जाती है, तो रिलेशनशिप टूटने में बिल्कुल भी समय नहीं लगता। आजकल रिश्तों में नई चुनौतियों का सामना युवा कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि आखिरकार बदले हुए समय में रिलेशनशिप से जुड़ी कौन सी खास चुनौतियों का सामना युवा कर रहे हैं।
बिजी लाइफस्टाइल में लोग बात करने के लिए मिलने के बजाय सोशल मीडिया में बात करना बेहतर समझते हैं। इस कारण से मन की बातें कम शेयर हो पाती हैं और एक दूसरे में गलतफहमियां बढ़ जाती हैं। इस कारण से रिलेशनशिप को चुनौतियों का सामना ज्यादा करना पड़ रहा है।
इसे समय की मार कह लें या फिर तेज रफ्तार जिंदगी, टाइम की कमी, वर्क प्रेशर और पर्सनल गोल्स के चलते पार्टनर एक दूसरे के साथ अच्छा टाइम ही नहीं बिता पाते हैं। इस कारण से दूरियां धीरे-धीरे बढ़ने लगती हैं। पार्टनर एक दूसरे से एक्सपेक्टेशन बहुत ज्यादा करने लगा है। जिसके कारण रिश्तो में तनाव पैदा हो जाता है। वहीं ट्रस्ट इशू, एक्सेसिव पजेसिवनेस और बीता हुआ एक्सपीरियंस भी भरोसे में दरार डाल देता है।
रिश्तों में आजकल कमिटमेंट का मतलब आजादी खोने से जोड़ा जा रहा है जो रिश्ता टूटने का प्रमुख कारण बन रहा है। लोगों को डर लगा रहता है कि उनका जीवन कमिटमेंट के बाद बदल जाएगा।
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सोशल मीडिया में रील देखकर लोग केवल खुश ही नहीं होते बल्कि अपने जीवन को दूसरों के जीवन से कंपेयर करने लगते हैं। सोशल मीडिया पर दूसरों की रिलेशनशिप देखकर अपनी जिंदगी को कंपेयर करना भी रिश्तों को कमजोर कर रहा है।
आजकल वर्क प्रेशर के कारण मेंटल हेल्थ, स्ट्रेस, एंजायटी और डिप्रेशन भी रिश्तों पर गहरा असर डाल रही है। कुछ लोग अपनी मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कोई भी उपाय नहीं लेना चाहते और रिश्तो से दूर भागते हैं। अगर खुलकर एक दूसरे से बात की जाए, एक दूसरे को सपोर्ट और स्पेस दिया जाए, तो रिलेशनशिप को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है।
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