
Husband Wife Relationship: मैं और मेरी पत्नी इबीजा में अवॉर्ड-विनिंग वेलनेस रिट्रीट चला रहे थे, बिजनेस तेजी से बढ़ रहा था। मुझे लग रहा था कि मेरी शादीशुदा जिंदगी भी खुशहाल चल रही है। लेकिन 41 की उम्र में वो अचानक मुझे छोड़कर चली गई। मुझे शुरुआत में तो समझ नहीं आया कि ऐसा क्यों हुआ, लेकिन पीछे मुड़कर देखा, तो समझ आता है कि ऐसा होने के संकेत पहले से मौजदू थे। कहानी जेम्स डेविस ( James Davis) की है, जिन्होंने The Midlife Male Handbook बुक लिखी है।जिसमें उन्होंने 40 के बाद पुरुषों के लिए मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से बेहतर जीवन के टूल्स साझा करता हूं। तो चलिए उनकी पूरी कहानी बताते हैं।
The i Paper में पब्लिश स्टोरी के मुताबिक, जेम्स लंदन में रहते हैं। साल 2011 में वो अपनी पत्नी के साथ लंदन छोड़कर इबीजा आ गए थे। वो बताते हैं कि मैं मीडिया में काम करता था और वह प्राइवेट बैंकिंग में थीं। हम दोनों कॉरपोरेट रैट रेस से निकलकर बेहतर जिंदगी चाहते थे। हमारे बच्चे नहीं थे, इसलिए बिना ज्यादा सोचे हमने यह कदम उठा लिया। हम इबीजा में अपना बिजनेस चलाने लगें। लेकिन तीन साल बाद सब कुछ बिखर गया। मेरी पत्नी ने कहा कि वह खुश नहीं हैं और तलाक चाहती हैं। मैं पूरी तरह से चौंक गया। यह मेरे लिए बिल्कुल अप्रत्याशित था और मैं समझ ही नहीं पा रहा था कि आखिर हुआ क्या। मुझे कभी नहीं लगा था कि मेरे साथ ऐसा होगा।
अचानक पत्नी ने बिजनेस और देश दोनों छोड़ दिए और वापस यूके चली गईं। मैं अकेले ही सब संभालने लगा। मैं रिश्ता बचाना चाहता था, लेकिन एक साल के भीतर हमारा तलाक हो गया। जेम्स बताते हैं कि आज पीछे मुड़कर देखता हूं तो समझ आता है कि संकेत पहले से मौजूद थे। हमारा बिजनेस सब कुछ निगल रहा था। हम दोनों उसमें जरूरत से ज्यादा डूबे थे, लेकिन रिश्ते में मेरी भूमिका भी कमजोर थी। मैं उन्हें सुरक्षा और इमोशनल सहारा नहीं दे पाया। करियर पर इतना फोकस था कि भावनाओं से बचता रहा।
मैं यह पैटर्न अपने क्लाइंट्स में भी देखता हूं। पुरुष अक्सर अपनी भावनाओं को दबा लेते हैं और उम्मीद करते हैं कि सब अपने आप ठीक हो जाएगा। वहीं महिलाएं अपनी परेशानी दोस्तों से साझा कर पाती हैं।
तलाक के बाद कई महीनों तक मैं इस सच को स्वीकार ही नहीं कर पाया। मुझे लगने लगा कि 40 के बाद कोई मुझमें दिलचस्पी नहीं लेगा। मैं टूट चुका था, आत्मसम्मान बिखर गया था। बाहर से मैं सब ठीक दिखाने की कोशिश करता रहा, लेकिन अंदर से बेहद परेशान था। खाली फ्लैट में लौटकर मैं अकेले वाइन पीने लगा, बहुत ज्यादा नहीं, लेकिन पहले से कहीं ज्यादा। मैंने खुद को एक्सरसाइज में झोंक दिया। लगा कि कम से कम शरीर तो कंट्रोल में रख सकता हूं। बॉडी फैट 10 प्रतिशत से नीचे आ गया, सिक्स-पैक बन गए, लेकिन अंदर से मैं थका और खोखला महसूस करता था।
जल्द ही समझ आ गया कि सिर्फ शरीर पर ध्यान देना असली समस्या का हल नहीं है। मैं एड्रेनालिन के भरोसे चल रहा था, दिशा नहीं थी। मुझे अपने मेंटल हेल्थ पर काम करना था। साइकोलॉजी और कोचिंग की बैकग्राउंड होने के बावजूद मुझे बाहरी मदद की जरूरत महसूस हुई। मैंने मेडिटेशन रिट्रीट्स जॉइन किए और तीन महीने तक थेरेपी ली। मुझे एहसास हुआ कि मेरी शादी टूटने में मेरी भी भूमिका थी। बिजनेस ने मुझे इतना घेर लिया था कि न रिश्ते के लिए वक्त बचा, न खुद के लिए। खूबसूरत द्वीप पर रहते हुए भी मैं उसे जी नहीं पा रहा था। मैंने सीखा कि रिश्ते में जरूरत से ज्यादा समझौता करना भी सही नहीं। आगे बढ़ते हुए मैंने अपनी सीमाएं तय करने और अपनी ज़रूरतें साफ कहने का फैसला किया।
जेम्स आगे बताते हैं कि धीरे-धीरे मैंने एक्सरसाइज का तरीका बदला, सख्त वर्कआउट की जगह बैलेंस ट्रेनिंग अपनाई। नींद बेहतर हुई, एनर्जी लौटी और मूड में सकारात्मक बदलाव आया। मैं ज्यादा शांत, धैर्यवान और खुश रहने लगा। इसी दौरान मेरी मुलाकात क्लेयर से हुई, जिनकी शादी भी लगभग उसी समय टूट गई थी। लॉन्ग-डिस्टेंस डेटिंग के बाद 2016 में वह इबीजा आ गईं। आज हम शादीशुदा हैं और यूके में रहकर पॉडकास्ट और कोचिंग बिजनेस चला रहे हैं-The Midlife Mentors। मेरे अनुभवों ने मुझे एक किताब लिखने के लिए भी प्रेरित किया।
तलाक से गुजर रहे पुरुषों के लिए मेरी सलाह है-खुद को समय दें। हर चीज को तुरंत ठीक करने की कोशिश न करें। बाहर की चीजों पैसा, फिट बॉडी, महंगी छुट्टियां से ज्यादा अंदर के काम पर ध्यान दें। आत्म-करुणा सीखें, अपनी भावनाओं को स्वीकार करें और मदद लेने में संकोच न करें।
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