टीचर को भगवान का दर्जा हासिल है। लेकिन अगर कोई टीचर झूठ और फरेब के सहारे अपनी स्टूडेंट की भावना से खेल जाए तो उस लड़की की जिंदगी अंधेरी गलियों में गुम होकर रह जाती है। ये आपबीती भी ऐसी है एक नाबालिग छात्रा की है।
रिलेशनशिप डेस्क.महज 15 साल की उम्र में ही सलोनी (बदला हुआ नाम) जिंदगी के उस दोराहे पर पहुंच चुकी है, जहां से एक रास्ता उसकी बदनामी को ओर ले जाता है और दूसरा नफरत और इंतकाम की ओर। बचपन से ही पायलट बनने का सपना संजोए सलोनी ने जब हाई स्कूल में कदम रखा तो उसने सोचा भी नहीं था कि उसकी जिंदगी में कितना बड़ा तूफान आने वाला है। मैथ और फिजिक्स सब्जेक्ट उसका काफी मजबूत था लेकिन कॉम्पेटिटिव एग्जाम के लिए और ज्यादा तैयारी की जरूरत थी। वो एक अच्छे ट्यूशन की तलाश में थी और तब उसकी खुशी का कोई ठिकाना नही रहा जब स्कूल के सबसे अच्छे टीचर माने जाने वाले अनिकेत सर (बदला हुआ नाम) ने उसे अलग से ट्यूशन देने के लिए हामी भर दी।
सलोनी के मुताबिक, "मेरे लिए ये किसी सपने के सच होने जैसा था, क्योंकि अनिकेत सर क्लासरूम के सिवा कोई ट्यूशन नहीं लेते थे। जब मैंने उनसे ट्यूशन की रिक्वेस्ट की तो पता नहीं क्यों पर उन्होंने इनकार नहीं किया। शुरू-शुरू में मेरे साथ मेरी एक दोस्त भी उनके घर ट्यूशन लेने जाती थी, लेकिन उसके पापा का किसी और शहर में ट्रांसफर हो गया, और वो फैमिली के साथ शिफ्ट हो गई। स्कूल खत्म होने के बाद मैं पहले घर आती फिर शाम को अनिकेत सर के घर पढ़ने जाया करती थी। दो-तीन महीने में ही फिजिक्स और मैथ के मेरे कई डाउट्स क्लियर हो गए। अनिकेत सर की उम्र 25-26 साल थी और वो काफी हैंडसम और स्मार्ट थे। उन्होंने मुझे बताया कि उनकी शादी नहीं हुई है और वो अकेले ही रहते थे। मेरे क्लास की कई लड़कियां मजाक-मजाक में मुझे अनिकेत सर का नाम लेकर छेड़ा भी करती थीं। सच कहूं तो मुझे भी वो बहुत अच्छे लगते थे।"
सलोनी की जिंदगी अच्छे से कट रही थी और टेस्ट में उसके अच्छे नंबर आने लगे थे। इसका क्रेडिट सलोनी अपने अनिकेत सर को ही देती थी। सलोनी के पापा रेलवे में कंडक्टर हैं और मां घर पर सिलाई सेंटर चलाती हैं। एक छोटा भाई है जो कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ता है। पूरी फैमिली को सलोनी से उम्मीद थी इसलिए वो जी-जान से पढ़ाई में जुटी रही। पर नियति को तो कुछ और ही मंजूर था। एक दिन सलोनी के साथ कुछ ऐसा हुई कि वो हैरान रह गई।
बकौल सलोनी- "फाइनल एग्जाम के दिन करीब थे इसलिए मैंने संडे को भी अनिकेत सर से टयूशन लेना शुरू कर दिया था। एक दिन जब मैं उनके घर पहुंची तो काफी देर बेल बजाने के बाद अनिकेत सर ने दरवाजा खोला। वो काफी डिस्टर्ब लग रहे थे। मैंने पूछा तो बोले कि घरवाले शादी करना चाहते हैं पर वो तैयार नहीं। मेरे काफी पूछने पर उन्होंने जो कहा वो सुनकर मेरे होश उड़ गए। उन्होंने मेरा हाथ पकड़कर कहा कि वो मुझे पसंद करते हैं। मुझे जोर का झटका लगा और मैं वहां से भागकर अपने घर आ गई। उस रात मुझे नींद नहीं आई। मुझे बार-बार उनकी बात याद आ रही थी। दो-तीन दिन तक मैं स्कूल नहीं गई तो वो मेरे घर पहुंच गए। घर में तब कोई नहीं था। मैं घबरा गई तो वो माफी मांगने लगे। मैंने ये बात किसी को नहीं बताई क्योंकि शायद मैं भी उन्हें पसंद करने लगी थी।"
उस घटना के बाद सलोनी और अनिकेत का रिश्ता बदल गया। कच्ची उम्र की सलोनी सही-गलत का फर्क नहीं कर पाई और अपने अनिकेत सर को दिल दे बैठी। उसके बाद वो जब भी ट्यूशन के लिए जाती तो दोनों काफी देर तक एक दूसरे के बारे में बातें करते। पढ़ाई-लिखाई की जगह प्यार-मोहब्बत की बातों ने ले ली। फिर एक दिन ऐसा भी आया जब दोनों के बीच की हर दीवार टूट गई।
सलोनी के मुताबिक, "उस दिन अनिकेत सर का बर्थडे था और मैं गिफ्ट में एक कीमती पेन लेकर गई थी। लेकिन अनिकेत सर ने मुझे किस करने की जिद की और मैं मना नहीं कर सकी। पहले तो वो काफी देर तक मेरे सिर पर हाथ फेरते रहे, फिर धीरे-धीरे मेरे पूरे शरीर को सहलाने लगे। मुझे ये सब अजीब भी लग रहा था पर अच्छा भी लग रहा था। मैंने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने अपने बर्थडे की बात कहकर मुझे चुप रहने का इशारा किया। उसके बाद मैं भी खुद को रोक नहीं पाई और अपना सब कुछ उन्हें सौंप दिया। उसके बाद हर मुलाकात में हदें टूटती रहीं और मुझे होश तब आया जब एक दिन मुझे ये पता चला कि मैं प्रेग्नेंट हूं।"
तब सलोनी को समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या करे। अनिकेत को जब ये बात पता चली तो उसने किसी तरह समझा-बुझाकर एबॉर्शन करवा दिया। पर उसके बाद अनिकेत उससे दूरी बनाने लगा। सलोनी तो तन-मन से उसे प्यार करने लगी थी पर अनिकेत के दिल में कुछ और ही चल रहा था। एक दिन काफी जिद करने पर अनिकेत ने सलोनी को बताया कि उसकी शादी हो चुकी है और पत्नी मायके में रहती है।
बकौल सलोनी, "मेरे लिए अनिकेत सर की इस सच्चाई पर भरोसा करना मुश्किल था। लेकिन जब मैंने सच जानने के बाद उनकी हरकतों का विरोध किया तो वो ब्लैकमेल पर उतर आए। उन्होंने कहा कि वो मेरे दोस्तों को इस रिश्ते के बारे में बता देंगे और एग्जाम में भी पास नहीं होने देंगे। अब मुझे समझ में नहीं आ रहा कि मैं क्या करूं और अपने परिवार को मुंह कैसे दिखाऊं। कभी कभी सुसाइड करने का भी मन करता है।"
एक्सपर्ट की राय - जो आपके साथ हुआ वैसा कई नाबालिग लड़कियों के साथ हो चुका है और अक्सर ऐसी खबरें सामने आती रहती हैं। हमारे देश के कानून के मुताबिक किसी नाबालिग से शारीरिक रिश्ता बनाना सरासर अपराध है और इसके लिए कड़ी सजा है। अनिकेत जैसे लोग आप जैसी कम उम्र की लड़कियों को इसीलिए अपना शिकार बनाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि आप डर और शर्म की वजह से किसी को सच नहीं बताएंगी। पर अगर आप खामोश रह गईं तो वो न जाने कितनी और लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करेगा। कानून के मुताबिक आपकी मर्जी से संबंध बनने के बावजूद इसे बलात्कार और यौन-शोषण ही माना जाएगा। बेहतर होगा कि आप इस बारे में अपने माता-पिता को सच बताएं और स्कूल प्रबंधन के सामने भी ये बात रखें। आपकी एक शिकायत पर ये हैवान सलाखों के पीछे नजर आएगा। आप चाहें तो महिला एवं बाल विकास विभाग में भी इसकी शिकायत कर सकती हैं। आपकी पहचान उजागर किए बिना भी आरोपी टीचर पर कार्रवाई हो सकती है। लेकिन इसके लिए सबसे पहले आपको कदम आगे बढ़ाना होगा।
(ब्लैक डायरी एशियानेट की एक ऐसी सीरीज है,जिसमें हम रिश्तों से जुड़े राज,समस्या के बारे में बताते हैं जिसे खुलकर लोग बता नहीं पाते हैं। इस सीरीज के माध्यम से जो लोग हमें अपनी कहानी बताते हैं, हम उनका नाम बदलकर आप तक लेकर आते हैं। इसके साथ एक्सपर्ट की राय भी देते हैं, ताकि समस्या का निदान हो सके।ब्लैक डायरी में सभी तस्वीरें सांकेतिक होती हैं। )
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