बच्चे कहीं पड़ ना जाएं अकेले, दूसरी शादी करते वक्त इन 6 बातों का रखें ख्याल

पार्टनर की मौत या तलाक के बाद इंसान तन्हा महसूस करने लगता है। कुछ लोग तो दूसरी शादी के बिना जिंदगी गुजार देते हैं। लेकिन कुछ मैरेज लाइफ को दोबारा जीना चाहते हैं। लेकिन बच्चों की वजह से वो ऐसा नहीं कर पाते हैं।

रिलेशनशिप डेस्क.पार्टनर की मौत या तलाक के बाद दूसरी शादी करने का डिसिजन सेंसिटिव और इमोशनल इश्यू हो सकता है खासकर जब इसमें बच्चे शामिल हो। हमसफर के मौत के बाद खुद को संभालने में ही वक्त लगता है। जब इंसान गम से बाहर निकलता है तो फिर से नई जिंदगी शुरू करने के बारे में सोचता है। लेकिन कई बार बच्चों की वजह से वो अपने आपको बांध लेता है। लेकिन ऐसा भी करना खुद को दर्द देना होता है। ऐसे में अगर आपके बच्चे समझाने की उम्र में पहुंच गए हैं तो उनसे बात करके एक डिसिजन ले सकते हैं। आइए बताते हैं अगर आप दूसरी शादी करने जा रहे हैं तो बच्चे को इसके लिए कैसे कन्वेंस कर सकते हैं।

1.बच्चे को बताते वक्त उनकी भावनाओं को समझें

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अगर आप दूसरी शादी करने का फैसला ले लिए हैं। तो बच्चे की भावनाओं को समझना और सम्मान करना बहुत जरूरी है। उन्हें यह महसूस हो सकता है कि उनकी मां की जगह आप किसी और लाने जा रहे हैं। उन्हें लगेगा कि आप उनकी मां को भूल गए हैं। ऐसे में वो जो भी बातें बोलें उसे धैर्यपूर्वक सुनें।

2.धीरे-धीरे बात करें

अपनी दूसरी शादी के बारे में बता करने की जानकारी बच्चे को अचानक बिल्कुल भी ना दें। बच्चे को पहले अपने पार्टनर से मिलवाएं। फिर धीरे-धीरे इस विषय पर बात करें। एक बार में ही ये ना समझे की बच्चा समझ जाएगा। वक्त निकालकर इस पर बच्चे से बार-बार बात करें। उसकी मनोभावना को समझने की कोशिश करें।

3.मां की जगह कोई और नहीं लेगा

बच्चे को यह भी समझाए कि दूसरी शादी करने का मतलब ये नहीं है कि उसकी मां की जगह कोई और ले लेगा। वो उनके लाइफ का अहम हिस्सा हमेशा रहेंगी। लेकिन उन्हें यह समझाए कि आप किसी और के साथ खुश रह सकते हैं और एक नया साथी आपको मानसिक और भावनात्मक रूप से सहयोग देगा। इतना ही नहीं आपकी परवरिश में उनका भी सहयोग रहेगा।

4. फ्यूचर के बारे में भी बात कीजिए

बच्चे को यह समझाएं कि दूसरी शादी उनके जीवन को बेहतर बना सकती है। नए साथी से वह दोस्त या फिर मां जैसा व्यवहार कर सकते हैं। वो उनकी बेहतरीन देखभाल करेगी। लेकिन इन सबके बीच ये जरूर देखिएगा कि बच्चे आपकी बात से कन्वेंस हो रहे हैं या नहीं।

5. समय दें

बच्चे को सोचने के लिए वक्त दें। आप अचानक बच्चे पर अपना डिसिजन बिल्कुल भी मत डालिएगा। बल्कि उन्हें सोचने का वक्त दीजिएगा। उन्हें नए रिश्ते को अपनाने और समझने में समय लगेगा, इसलिए उस पर कोई दबाव न डालें। नहीं तो वो आपके उस रिश्ते को अपना नहीं पाएंगे।

6. फैमिली की मदद लें

इसके साथ बच्चों को समझाने के लिए फैमिली की मदद ले सकते हैं। दादा-दादी, नाना-नानी या फिर अन्य रिश्तेदार भी बच्चे को समझाने में मदद कर सकते हैं। काउंसलर से भी हेल्प ले सकते हैं। जो आपके बच्चे के अंदर दूसरी मां या पिता वाले डर को बाहर निकाल सकते हैं।

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