
How to Improve Handwriting: आज के डिजिटल युग में बच्चों की हैंडराइटिंग सुधारना और उन्हें इस काम के लिए राजी करना आसान नहीं है। चाहे जमाना कैसा भी हो और तकनीक कितनी भी उपलब्ध हो, अच्छी हैंडराइटिंग का कोई विकल्प नहीं है। अगर बचपन से ही इस आदत पर काम नहीं किया गया तो भविष्य में इसके बेहतर होने की संभावना न के बराबर है। आइए जानते हैं कुछ आम लेकिन अहम टिप्स जिनकी मदद से आप अपने बच्चे की हैंडराइटिंग सुधार सकते हैं।
किसी भी काम में और खासकर जिस तरह के काम में दिमाग का इस्तेमाल न हो, उसमें अभ्यास सबसे जरूरी चीज है। अच्छी हैंडराइटिंग के लिए इस विकल्प को किसी भी तरह से रिप्लेस नहीं किया जा सकता। इसलिए सुंदर हैंडराइटिंग के लिए बच्चे को हर दिन कुछ पन्ने लिखने होंगे यानी उसे अभ्यास करना होगा। अगर आप ऐसा हर दिन करेंगे तो हैंडराइटिंग जरूर सुधरेगी।
अच्छी हैंडराइटिंग के लिए जरूरी है कि आपके पास सही टूल हो। यानी आप जिस पेन या पेंसिल से लिख रहे हैं, उसमें आपको सहज होना चाहिए। अगर बच्चे को उसके हाथ के साइज़ या पकड़ के हिसाब से मोटा पेन चाहिए, तो उसे दें। अगर वह पतले पेन से लिखना चाहता है, तो वह दें। इसी तरह उसे वह पॉइंट दें जो उसे पसंद हो, मोटा या पतला।
पेन या पेंसिल पर सही पकड़ होना भी जरूरी है। अगर पेन/पेंसिल हाथ में बहुत बड़ी, छोटी, मोटी, पतली या फिसलन वाली होगी, तो बच्चा चाहकर भी नहीं लिख पाएगा। कई बार बच्चे इस समस्या को बता नहीं पाते। ऐसे में पैरेंट्स को खुद देखना होगा कि इस क्षेत्र में कोई समस्या तो नहीं है। उन्हें वह टूल दें, जिस पर उनकी सही पकड़ हो।
सही लिखावट में पोस्चर भी अहम भूमिका निभाता है। सुनिश्चित करें कि बच्चा सही तरीके से बैठे और कंधों की पोजीशन से लेकर हाथों की ऊंचाई तक सब कुछ सही हो। अगली ज़रूरी बात यह है कि वे सही जगह पर बैठें। उन्हें टेबल कुर्सी पर या लकड़ी का ऊंचा स्टूल रखकर बैठाएं। अगर आप लेटकर या टेढ़े-मेढ़े तरीके से लिखेंगे तो आपकी लिखावट गड़बड़ होगी और आपका पोस्चर भी खराब होगा। इससे पीठ दर्द हो सकता है और आपकी आंखों की रोशनी पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
शुरुआत में उन्हें हर अक्षर पर ध्यान केंद्रित करना सिखाएं। हर अक्षर को शांति से और सही तरीके से लिखें और उस पर ध्यान केंद्रित करें। उन्हें छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देना सिखाएं जैसे कि शब्द एक ही आकार, ऊंचाई और एक ही लाइन में होने चाहिए। शुरुआत में आप उन्हें प्रैक्टिस शीट लाकर दे सकते हैं ताकि कुछ दिनों में वे सही आकार और लाइन के बारे में जान जाएं।
जब हर अक्षर साफ हो जाएगा तो अक्षर खुद ही साफ दिखने लगेगा। उन्हें हर दिन एक से दो पेज लिखने को कहें और उसे चेक करें। कुछ दिनों बाद उन्हें दिखाएं कि उन्होंने कितना बेहतर किया है।