
जुलाई की शुरुआत के साथ ही स्कूलों का नया सत्र शुरू हो रहा है। गर्मियों की छुट्टियों के बाद बच्चे स्कूल जाने को लेकर एक्साइटेड भी होते हैं और थोड़े नर्वस भी। ऐसे में पेरेंट्स का रोल बहुत महत्वपूर्ण होता है। लेकिन कई बार जल्दबाजी या लापरवाही से पेरेंट्स ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जिससे बच्चे का पहला दिन खराब हो सकता है। जबकि पहला दिन बच्चे के लिए यादगार और कॉन्फिडेंस देने वाला होना चाहिए। अगर पेरेंट्स छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें तो बच्चा पूरे साल स्कूल के लिए मोटिवेटेड रहेगा। यहां जानिए वो 10 गलतियां जो आपको हर हाल में अवॉइड करनी चाहिए।
पहले ही दिन बच्चे को देर से उठाना और फिर हड़बड़ी में नाश्ता, यूनिफॉर्म, बैग सब करवाना, इससे बच्चा स्ट्रेस में आ जाता है। पहले दिन के लिए रात को टाइमटेबल सेट करें और अलार्म लगाकर जल्दी उठाएं।
अक्सर जल्दी के चक्कर में बच्चे का नाश्ता छूट जाता है। खाली पेट बच्चा थका-थका महसूस करेगा। हल्का लेकिन एनर्जी से भरपूर ब्रेकफास्ट करवाएं जैसे उपमा, पोहा, मिल्क विद सीरियल या एग टोस्ट।
पहले दिन की यूनिफॉर्म, शूज, आईडी कार्ड, बैग सब रात में ही चेक कर लें। कई बार कपड़े प्रेस नहीं होते या शूज साफ नहीं होते, जिससे सुबह अनावश्यक तनाव होता है।
जैसे “देखो स्कूल में रोना मत”, “टीचर से डांट मत खाना” – ऐसी बातें बच्चे को और डराती हैं। पॉजिटिव बातें कहें जैसे, “आज टीचर से नए-नए बातें सीखना” या “अपने फ्रेंड्स को हाय कहना”।
लंच बॉक्स की तैयारी रात में कर लें। क्या देना है, ये सोच लें। हेल्दी और जल्दी बनने वाली चीजें रखें जैसे पराठा रोल, सैंडविच, फ्रूट्स।
अगर बच्चा थोड़ा घबराया हो तो प्यार से समझाएं, जबरदस्ती ना करें। फोर्स करने से स्कूल का पहला दिन डरावना अनुभव बन सकता है।
अगर पेरेंट्स परेशान होंगे तो बच्चे भी घबरा जाएंगे। शांत और स्माइली रहें ताकि बच्चे को भी कॉन्फिडेंस मिले।
छुट्टियों में बच्चे देर से सोते-जागते हैं। स्कूल शुरू होने से एक हफ्ता पहले ही सही रूटीन शुरू कर दें ताकि बॉडी क्लॉक सेट हो जाए।
सुबह स्कूल से पहले मोबाइल, टीवी देखने देने से बच्चा सुस्ती महसूस करेगा और टाइम भी वेस्ट होगा। मॉर्निंग को प्रोडक्टिव बनाएं।
पहले दिन बच्चे को मोटिवेट करें। कोई अच्छी कहानी सुनाएं, उसके टिफिन में छोटा सा नोट डालें – “You are the best” या “Enjoy your day”. इससे बच्चा पॉजिटिव फील करेगा।