Chhath Puja 2024: छठ पूजा के दौरान मां-बेटे का बंधन और भी गहरा होता है। साथ में पूजा की तैयारी, घर की सफाई, और सूर्य अर्घ्य जैसे काम करके इस रिश्ते को और मजबूत बनाया जा सकता है।
रिलेशनशिप डेस्क: छठ पूजा एक ऐसा समय होता है जब परिवार और खासकर, मां-बेटे के रिश्ते में गहरा संबंध बनता है। छठ पूजा से पहले कुछ खास काम करके मां-बेटे का रिश्ता और भी मजबूत और प्यारा बनाया जा सकता है। ऐसी मान्यता है कि देवी षष्ठी के कहने पर राजा प्रियव्रत ने कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को विधि-विधान से उनका व्रत किया। देवी की कृपा से, उन्हें जल्द ही एक स्वस्थ पुत्र की प्राप्ति हुई। राजा ने पुत्र को पुन प्राप्त करने के बाद नगरवासियों को षष्ठी देवी का प्रताप बताया। तभी से लोग सूर्य देव की बहन छठी मईया की पूजा करते आ रहे हैं। इस साल छठ पर कुछ छोटे-छोटे एफर्ट्स से मां-बेटे का रिश्ता और भी मजबूत बनाया जा सकता है। यहां जानें कुछ सजेशन जो मां-बेटे के रिश्ते को स्ट्रांग बना सकते हैं।
महत्त्व: पूजा की तैयारियों में साथ काम करने से मां और बेटे को एक-दूसरे के साथ समय बिताने का मौका मिलता है।
कैसे करें: छठ पूजा के प्रसाद जैसे ठेकुआ, फल और पूजा सामग्री की तैयारी साथ मिलकर करें। इससे आपसी सहयोग और समझ बढ़ती है।
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महत्त्व: पूजा के पहले घर की सफाई एक महत्वपूर्ण काम होता है, जिसे साथ में करने से आपसी जुड़ाव बढ़ता है।
कैसे करें: घर के आंगन, पूजा स्थल और अन्य जगहों की सफाई एक साथ करें। इससे एक-दूसरे के प्रति जिम्मेदारी और सहयोग की भावना मजबूत होती है।
महत्त्व: छठ पूजा का समय सेल्फ इवेल्यूशन और अपने रिश्तों को सुधारने का समय भी होता है।
कैसे करें: एक-दूसरे के प्रति अपने प्यार और आभार को व्यक्त करें। छोटी-छोटी चीजों के लिए धन्यवाद कहें और कोई पुराने गिले-शिकवे हों तो उन्हें भी दूर करें।
महत्त्व: छठ पूजा में सूर्य को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है। मां-बेटे एक साथ यह कार्य करें तो यह रिश्ते में सम्मान और भक्ति की भावना को बढ़ाता है।
कैसे करें: छठ घाट पर मां-बेटे दोनों मिलकर सूर्य को अर्घ्य दें। साथ में जल चढ़ाने और पूजा करने से रिश्ते में सकारात्मकता आती है।
महत्त्व: पूजा की तैयारियों में एक-दूसरे के साथ सहयोग से आपसी समझ बढ़ती है।
कैसे करें: घर के अन्य सदस्यों के साथ भी तालमेल बनाएं और बेटे को अधिक जिम्मेदारियों में शामिल करें। यह भावनात्मक संबंध को और गहरा बनाता है।
महत्त्व: छठ व्रत बहुत कठिन होता है और अगर बेटा मां के इस कठिन व्रत में उनका साथ देता है, तो यह उनके बीच का रिश्ता और भी प्रगाढ़ बनाता है।
कैसे करें: बेटे को मां के लिए फल और जल की व्यवस्था करने में मदद करनी चाहिए। यह देखभाल और सम्मान का प्रतीक है।
महत्त्व: इस मौके पर मां-बेटे एक-दूसरे से वादा कर सकते हैं कि वे हमेशा एक-दूसरे का साथ देंगे।
कैसे करें: एक-दूसरे के प्रति हमेशा ईमानदार रहने और रिश्ते को प्राथमिकता देने का वादा करें। इससे भविष्य में भी आपका रिश्ता मजबूत रहेगा।
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