
Postpartum Depression Mother: 30 साल की हूं मैं और जुड़वा बच्चे को 8 महीने पहले जन्म दिया है। बच्चे की परवरिश से लेकर घर का कामकाज मैं खुद ही करती हूं। 32 साल के पति फुल टाइम जॉब करते हैं। लेकिन हाउस हेल्प या बच्चों की देखभाल में वो कभी हाथ नहीं बंटाते हैं। इतना ही नहीं बिस्तर पर नो बोलने पर घर में सन्नाटा छा जाता है। रेडिट पर महिला ने खुद पर क्या गुजर रही है इसकी आपबीती सुनाई है। तो चलिए एक मां की दर्द भरी कहानी सुनाते हैं, जिससे कई महिलाएं इत्तेफाक रखती होंगी।
महिला ने रेडिट पर लिखा कि 8 महीने पहले मैंने जुड़वा बच्चे को जन्म दिया। उन दो बच्चों की जिम्मेदारी, घर की जिम्मेदारी सब मेरे ऊपर ही है। फुल टाइम वर्क करने वाले पति देव घर के कामों में मेरी बिल्कुल मदद नहीं करते हैं। मैं फिजिकली और इमोशनली थक जाती हूं। मैं इससे उबरने के लिए हफ्ते में 3-4 दिन सुबह 4-5 बजे के बीच में 40 मिनट के लिए जिम जाती हूं। इसके बाद से जब घर लौटती हूं, तो बिना रुके चलती ही रहती हूं। बच्चे को जगाना, उनके कपड़े धोना, घर साफ करना, उन्हें खिलाना, बोतल साफ करना। खिलौनों को डिसइंफेक्ट और ठीक करना। खाना बनाना यहां तक कि तेल मसाले तक की शॉपिंग करना भी मेरी ही जिम्मेदारी है। शाम 6/7 बजे तक मुझमें कोई एनर्जी नहीं बचती और मैं थक जाती हूं।
दूसरी तरफ जब मेरा पति घर आता है, तो बच्चे को हेलो कहकर बाथरूम में चला जाता है और 10 मिनट तक अंदर रहता है। वह कभी नहीं पूछता है कि मैं कैसी हूं, भले ही मुझे हाल ही में PPD (Postpartum Depression) की दवा दी गई है। जब भी मैं उससे बात करने की कोशिश करती हूं तो वह नेगेटिविटी फैलाता है। कुछ भी खुशी या खुशी नहीं देता, वह हमेशा गिलास को आधा खाली देखता रहता है और कभी रोशनी या खुशी नहीं देखता।
वह मुझे कभी गले नहीं लगता है, किस नहीं करता है। वो मेरे लिए कुछ भी अच्छा नहीं करता है। महिला आगे बताती है कि मुझे पता है कि घर का लोन चुकाने के लिए बहुत काम करने होते हैं। लेकिन मैं जब नए साल से अपना काम शुरू करूंगी तो मदद करूंगी ही।
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जब हम बिस्तर पर होते हैं, तो कुछ घिनौना कहकर फीजिकल होना चाहती है, और मैं मना कर देती हूं। जिसके बाद वो मुझे अपनी तरफ खींच लेता है। लेकिन मैं बस मना कर देती हूं। क्योंकि दिन भर काम करने और फिर रात में बच्चों की वजह से जागने पर मेरी एनर्जी नहीं बची होती है। वह गुस्सा होकर मुझे जाने देगा और फिर पलट जाएगा। वह अपने फ़ोन से ऐसे चिपका रहता है जैसे कल ही न हो, वह कभी उसके हाथ से नहीं जाता, तब भी जब वह बच्चों के साथ 'खेल' रहा होता है। मुझे नहीं पता कि मैं और कितना झेल पाउंगी। अब मैं सोने से पहले नर्वस होने लगी हूं, क्योंकि मैं उसे ना कहकर परेशान नहीं करना चाहती हूं क्योंकि जब मैं मना करती हूं तो वो दो दिन तक बात ही नहीं करता है। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि क्या करूं।
महिला के इस स्टोरी पर लोगों ने खूब रिएक्शन दिए। एक यूजर ने पूछा कि क्या तुमने उसे सब बताया कि घर के काम में मदद भी जरूरी होता है। बेशक तुम ऐसे किसी के साथ सेक्स नहीं करना चाहोगी जो घर के काम न करे और प्यार न दिखाए। वहीं, दूसरे यूजर ने लिखा,'उससे कहो कि एक दिन के लिए दिन बदल ले। अगर यह इतना आसान है तो उससे कहो कि वह 24 घंटे के लिए बच्चों की देखभाल करे।
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