बेटी अगर हो जाएं 15-17 साल की, तो पापा के लिए जरूरी 5 गाइडेड एक्टिविटीज

Published : Aug 28, 2025, 07:47 AM IST
parenting tips

सार

Father Daughter Bonding: 15-17 साल की बेटियों के इमोशन-लाइफ में पिता सबसे मजबूत सपोर्ट हो सकते हैं। रोज 15-20 मिनट साथ बिताएं, बिना टोके उसकी बातें सुनें, खुद रोल मॉडल बनें,  बाउंड्री और वैल्यू सिखाएं और उसके आत्मविश्वास को बढ़ाएं। 

Teenage Girl Parenting: बच्चे जब बड़े होने लगते हैं, तो उनके अंदर इमोशन और हार्मोन में तेजी से बदलाव आने लगते हैं, खासकर बेटियों में। ऐसे समय में माता-पिता की जिम्मेदारी होती है कि वे उन्हें सही तरीके से संभालें। बेटियों के लिए पिता अक्सर रोल मॉडल होते हैं। इसलिए यह उम्र उनके और करीब आने और उन्हें समझने का सबसे अच्छा समय होता है। अगर आपकी बेटी भी 15-17 साल की उम्र में है, तो पापा को ये 5 काम जरूर करने चाहिए। इंस्टाग्राम इंफ्लूएंसर शिकैना मच्‍चन (Shikainna Macchhan) ने इस बारे में खास टिप्स दिए हैं।

हर दिन 15-20 मिनट बेटी के साथ बिताएं

जब बेटी टीएनएज की उम्र में पहुंच जाए तो पिता को रोजाना 15-20 मिनट बेटी के साथ गुजारने चाहिए।  उसके स्कूल, दोस्तों और हॉबीज के बारे में जानें। उसकी बातों में दिलचस्पी लें, ताकि उसे लगे कि आप उसकी लाइफ में एक्टिवली शामिल हैं।

बिना जजमेंट उसकी बातें सुनें

अगर बेटी कोई समस्या या अनुभव आपके साथ शेयर कर रही है, तो उसे बीच में टोके नहीं या तुरंत समझाने न लगें। पहले उसकी पूरी बात शांति से सुनें। जब उसे लगेगा कि उसकी बात को ध्यान से सुना और समझा जा रहा है, तभी वह आपसे और खुलकर अपनी बातें शेयर करेगी।

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उसके लिए रोल मॉडल बनें

बेटी जब बड़ी होती है और अपने लिए पार्टनर चुनती है, तो अनजाने में वह पिता की छवि से तुलना करती है। पिता का व्यवहार ही तय करता है कि वह किस तरह का पार्टनर चाहेंगी। इसलिए हमेशा सम्मानजनक, केयरिंग और सेल्फ-कंट्रोल्ड बनें।

बाउंड्री और वैल्यू तय करें

टीनएज में बच्चों को फ्रीडम की जरूरत होती है, लेकिन इसके साथ ही उन्हें सही सीमाओं और मूल्यों का भी ज्ञान होना चाहिए। पिता को बेटी को साफ-साफ बताना चाहिए कि कौन-सी बाउंड्रीज उसके लिए जरूरी हैं और क्यों। 

 

 

उसके सेल्फ-कॉन्फिडेंस को बढ़ाएं

बेटी के टैलेंट, लुक, एफर्ट और अचीवमेंट को सराहें। जब पिता अपनी बेटी पर भरोसा जताते हैं और उसकी तारीफ करते हैं, तो उसका आत्मविश्वास और भी मजबूत हो जाता है। इस तरह, पिता सिर्फ बेटी के गाइड ही नहीं बल्कि उसके स्ट्रॉन्गेस्ट सपोर्ट सिस्टम भी बन सकते हैं।

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