
Parenting tips From Ramayan: पिता का मान रखने के लिए राम ने वनवास काटा, भाई का साथ पाने के लिए लक्ष्मण ने राजपाट छोड़ा, सीता ने पति संग रहने के लिए महल का त्याग किया और हनुमान ने भक्ति निभाने के लिए हर समंदर लांघ दिया..रामायण एक ऐसा ग्रंथ है जो रिश्तों, भावनाओं और मूल्यों की सच्ची शिक्षा देता है। इससे आप अपने अंदर कुछ ऐसे गुण विकसित कर सकते हैं जो आपके बच्चों की सही परवरिश में मदद करेगा।आइए जानें ऐसे ही 7 सुंदर आइए जानें ऐसे ही 7 सुंदर सबक:
भगवान राम ने जीवनभर धर्म का पालन किया। बच्चों को केवल उपदेश न दें, बल्कि खुद वैसा आचरण करें। बच्चे वही सीखते हैं जो वे अपने माता-पिता को करते देखते हैं।
राम ने वनवास के समय कभी शिकायत नहीं की, बल्कि उसका सामना साहस से किया। बच्चों को बताएं कि कठिन समय जीवन का हिस्सा है और सबसे बड़े सबक इन्हीं से मिलते हैं।
राम ने हर परिस्थिति में धर्म और सच्चाई का साथ दिया। बच्चों को ऐसा नैतिक मार्गदर्शन दें, जिससे वे हर हाल में सही का चुनाव कर सकें। नैतिकता से जीवन की नींव मजबूत होती है।
सीता माता ने हर परिस्थिति में मानसिक शक्ति दिखाई। बच्चों को भावनात्मक समझ और संतुलन सिखाएं, ताकि वे तनाव में भी सही डिसिजन ले सकें। राम के साथ वनवास जाने से लेकर अग्निपरीक्षा देने तक सीता माता ने खुद को मजबूत रखा था।
राम-लक्ष्मण का रिश्ता आदर्श है। बच्चों को यह समझाएं कि भाई-बहन जीवनभर का साथ होते हैं , “तू मेरा राम है और मैं तेरा लक्ष्मण।”
राम ने पिता दशरथ की आज्ञा का पालन करते हुए वनवास स्वीकार किया। बच्चों को बड़ों के प्रति सम्मान और आज्ञापालन का महत्व सिखाएं और यह तब होगा जब आप खुद इसका पालन करेंगे।
हनुमान जैसे सच्चे मित्र की तरह दोस्त चुनना सिखाएं जो निडर, वफादार और बुद्धिमान हो। ऐसे दोस्त जीवन के हर मोड़ पर सहारा बनते हैं। हनुमान ने राम और लक्ष्मण का साथ देने के लिए हर चुनौती का सामना किया।