
Premanand Ji Maharaj Tips For Parents: बच्चा रो रहा है..बच्चा जिद कर रहा है, तो शांत कराने के लिए माता-पिता आजकल उसके हाथों में मोबाइल थमा देते हैं। फिर बच्चा घंटों उस पर बिना ब्रेक के किसी भी तरह का कंटेंट देखता है। हैरानी तब होती है, जब धीरे-धीरे उसके बिहेवियर में बदला होने लगते हैं। वो और भी ज्यादा जिद्दी होने लगता है। कोई चीज नहीं मिलने पर तोड़-फोड़ करने लगता है। इसके पीछे क्या वजह है, वो वृंदावन के प्रेमानंद जी महाराज ने बताया। उन्होंने कहा कि रोते हुए बच्चे को चुप कराने के लिए मोबाइल फोन दे देना, माता-पिता की सबसे बड़ी गलती है।
एक भक्त ने महाराज जी से पूछा, 'महाराज जी, सिंगल फैमिली में कुछ परेशानियां हैं। मिसेज घर संभालती हैं, और कभी-कभी छोटी बच्ची को फोन देना मजबूरी बन जाती है। मैं ड्यूटी पर चला जाता हूं और वो सब कुछ अकेले संभालती हैं, इसलिए बच्चे को मोबाइल पकड़ाना पड़ता है।'
इस पर प्रेमानंद जी महाराज ने जवाब दिया, 'क्या 35 साल पहले बच्चे नहीं होते थे? तब भी लोग देश-विदेश काम से जाते थे, लेकिन संस्कार बनाए रखते थे। पहले ढाई मां रखी जाती थीं, जो बच्चे की सेवा और सुरक्षा करती थीं। माता-पिता अपनी ड्यूटी के बाद बच्चे को प्यार और समय देते थे।'
और पढ़ें: प्रेमानंद जी ने बताया-अगर पिता मां के साथ करता है गलत व्यवहार, तो बेटे को क्या करना चाहिए
उन्होंने आगे कहा, 'छोटे बच्चों को मोबाइल देना जरूरी नहीं है। ऐसा करने से उनके संस्कार बिगड़ जाते हैं। आज कौन बच्चा अपने माता-पिता के पैर छूता है? पहले बच्चे सुबह उठकर धरती माता को प्रणाम करते थे, माता-पिता के पैर छूते थे, भगवान का स्मरण करते थे। अब सुबह उठते ही मोबाइल में लग जाते हैं और नौ बजे तक सोते रहते हैं। जब भजन-साधना नहीं होगी, तो मनुष्यता नहीं, पशुता ही आएगी।'
प्रेमानंद जी महाराज की ये बातें पैरेंट्स को सुननी चाहिए। बच्चे को मोबाइल देना आज से बंद कर दें। क्योंकि बच्चे के अंदर बहुत गलत तरह के बिहेवियर विकसित हो रहे हैं। मनोवैज्ञानिक भी कहते हैं कि बच्चे को मोबाइल से दूर रखना चाहिए। उनके साथ जितना एक्टिविटी करेंगे उनका माइंड उतना तेज होगा।
इसे भी पढ़ें: क्या शादी के बाद भी किसी और से प्यार हो सकता है? जानें, श्री श्री रविशंकर जी ने क्या कहा