
Premanand Maharaj Ji On Relationship: ससुराल में अक्सर देखने को मिलता है कि बहू के साथ प्रताड़ना की घटनाएं सामने आती हैं। सास-ससुर समेत घर के अन्य सदस्य भी उसके प्रति अच्छा व्यवहार नहीं करते। आध्यात्मिक गुरु प्रेमानंद जी महाराज इस आचरण को पूरी तरह गलत मानते हैं। उनका कहना है कि बहू के साथ वही व्यवहार होना चाहिए, जैसा घर की बेटी के साथ किया जाता है। आइए जानते हैं, अपने प्रवचन में उन्होंने और क्या कहा, जिसे सुनकर उन लोगों की आंखें खुल जाएंगी जो बहू को नौकरानी समझते हैं।
प्रेमानंद जी महाराज का उत्तर: बहुत ज्यादा गड़बड़ी अक्सर सास-ससुर की ओर से होती है। जो सास-ससुर हैं, उन्हें यह सोचना चाहिए कि अगर इसी स्थान पर उनकी अपनी बेटी होती, तो वे उसके साथ कैसा व्यवहार करते। ठीक वैसा ही व्यवहार उन्हें बहू के साथ भी करना चाहिए- उसे अपनी बेटी जैसा मानकर। बहू को नौकरानी या किसी दूसरे की बेटी समझकर अपमानित नहीं करना चाहिए, न ही उसका शोषण करना चाहिए।अगर सास-ससुर अपनी बहू के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा वे अपनी बेटी के साथ करते हैं, तो जीवन मंगलमय हो जाएगा। लेकिन अगर वे बहू के साथ गलत व्यवहार करते हैं, तो उनकी दुर्गति तय है-यहां भी और भगवान के यहां भी।
प्रेमानंद जी महाराज आगे कहते हैं कि बहू को भी अपने सास-ससुर के साथ माता-पिता की तरह व्यवहार करना चाहिए। अगर बहू सास-ससुर की सेवा नहीं करती है, तो उसे पितृ दोष लग सकता है। इससे जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं मृत्यु के बाद भी आत्मा को कई तरह की यातनाएं झेलनी पड़ती है। उन्हें शांति नहीं मिलती है।
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प्रेमानंद जी महाराज एक प्रसिद्ध सनातनी संत और आध्यात्मिक गुरु हैं। उनके लाखों फॉलोअर्स हैं। अपने प्रवचन से लोगों को धार्मिक मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं।प्रेमानंद जी महाराज का जन्म 1972 में कानपुर के आखिरी गांव में हुआ था। उनका असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है। 13 साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़कर भक्ति मार्ग पर चलने का फैसला लिया।
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