Sister Shivani Parenting Tips: पॉजिटिव सोच और रेगुलर प्रैक्टिस से बच्चों के जीवन में बड़े बदलाव आ सकते हैं। सिस्टर शिवानी के 5 अफर्मेशन को हर सुबह बच्चों से अगर दोहरवाया जाए, तो वे खुद में विश्वास करना सीखेंगे और उनका पढ़ाई में फोकस बढ़ेगा। 

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बीके शिवानी की डिग्री
बीके शिवानी ने इलेक्ट्रॉनिक्स में गोल्ड मेडल के साथ पढ़ाई की और कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करने के बाद आध्यात्मिक मार्ग चुन लिया।

Sister Shivani Mantra: बचपन में जो बातें मन में बैठ जाती हैं, उनका असर जीवन भर रहता है। ऐसे में अगर बच्चों को सकारात्मक सोच और आत्मबल से भरपूर किया जाए, तो न सिर्फ उनका आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि उनकी पढ़ाई में भी निखार आता है। फेमस आध्यात्मिक टीचर सिस्टर शिवानी भी कहती हैं कि डेली अफर्मेशन (सकारात्मक कथन) बच्चों के व्यक्तित्व और बुद्धिमत्ता को निखारने में अहम भूमिका निभाते हैं।

यहां जानिए सिस्टर शिवानी से प्रेरित ऐसे 5 डेली अफर्मेशन (affirmations), जो बच्चों की एकाग्रता, आत्मबल और सीखने की क्षमता को बढ़ा सकते हैं।

आत्मा शक्तिशाली है

मतलब: यह वाक्य बच्चों को खुद पर भरोसा करना सिखाता है। जब बच्चा मानेगा कि उसमें शक्ति है, तो वह बिना डरे मेहनत करेगा और खुद को बेहतर बनाएगा। यह अफर्मेशन बच्चों को अपनी सीखने की क्षमता पर यकीन करना सिखाता है।

आत्मा निडर है

परीक्षा या नई चीजों से डरना आम बात है, लेकिन यह कथन बच्चों को सिखाता है कि डर को कैसे दूर करें और सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें। यह अफर्मेशन बच्चों में विफलता का डर खत्म करता है और उन्हें सीखने में खुशी महसूस कराने में मदद करता है। वे अधिक जिज्ञासु बनते हैं और सवाल पूछने से नहीं डरते।

एकाग्रता शक्ति श्रेष्ठ है

ध्यान और एकाग्रता किसी भी सीखने की प्रक्रिया की नींव हैं। यह वाक्य बच्चों को अपने मन को शांत रखने और ध्यान केंद्रित करने की प्रेरणा देता है। शांत और फोकस ब्रेन बेहतर ढंग से सोच सकता है और समस्याओं का समाधान निकाल सकता है। यह अफर्मेशन बच्चों को शांतिपूर्ण और केंद्रित बनाता है।

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अपनी क्षमता से ज्यादा पढ़ना है

यह वाक्य बच्चों को खुद की सीमाएं पार करने की प्रेरणा देता है। अगर वे सोचते हैं कि वे दो घंटे पढ़ सकते हैं, तो वे तीन घंटे की कोशिश करें। यह कथन बच्चों में परिश्रम की भावना पैदा करता है। वे न सिर्फ लंबे समय तक पढ़ने की आदत डालते हैं, बल्कि उन्हें यह भी एहसास होता है कि वे अपनी सीमाओं से अधिक कर सकते हैं।

हर परीक्षा एक आसान अनुभव है

परीक्षा को लेकर बच्चों के मन में डर होता है। यह वाक्य उन्हें यह समझाता है कि अगर तैयारी सही हो, तो कोई भी परीक्षा कठिन नहीं होती। इससे बच्चों में आत्मविश्वास आता है और वे परीक्षा को एक सामान्य प्रक्रिया की तरह लेने लगते हैं। वे तनाव से मुक्त होकर अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करते हैं।

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