मॉम ये मेरी शादी है और फैसले भी मेरे होंगे'...सोनाक्षी सिन्हा की प्राइवेट वेडिंग क्या देती है सीख?

Published : Jul 06, 2025, 02:47 PM IST
Sonakshi Sinha

सार

Sonakshi Sinha Small Wedding Secrets:सोनाक्षी सिन्हा जहीर इकबाल के साथ एक हैप्पी लाइफ जी रही हैं। शादी के एक साल बाद उन्होंने बताया कि आखिर उन्होंने प्राइवेट और सिंपल शादी क्यों कीं। 

Sonakshi Sinha: 23 जून 2024 को सोनाक्षी सिन्हा ने जहीर इकबाल के साथ सिंपल वेडिंग की थी। उनकी शादी एक सेलिब्रिटी वेडिंग नहीं थी, बल्कि एक ऐसा फैसला था जिसने पारंपरिक सोच, फैमिली अपेक्षाओं और समाज की उम्मीदों से हटकर एक मिसाल पेश की थी। ‘दबंग गर्ल’ की वेडिंग सेरेमनी में भव्यता नहीं थी और ना ही सैकड़ों मेहमान आए थे। जो लोग थे वो बेहद करीबी थे और उनकी खुशी में खुश रहने वाले थे।

'मां, ये किसी और के बारे में नहीं, ये मेरे और जहीर के बारे में है'

सोनाक्षी ने एक पॉडकास्ट में बताया कि कैसे उनकी शादी की प्लानिंग उनके पेरेंट्स की उम्मीदों से बिल्कुल अलग थी। उनकी मां ने कहा था कि पापा को बहुत लोगों को बुलाना पड़ेगा पॉलिटिकल फ्रेंड्स, फिल्म इंडस्ट्री वाले।' लेकिन सोनाक्षी का जवाब बेहद सीधा था। उन्होंने कहा कि ये उनकी शादी नहीं ये मेरी है।उन्होंने यह भी कहा कि जब उनकी मां की शादी हुई थी या भाई कुश की शादी हुई थी, तब किसी ने उन्हें नहीं बताया कि शादी कैसे करनी है, तो फिर उन्हें क्यों?

2 हफ्तों में तैयारियां, 1 दिन में शादी!

सोनाक्षी ने इस शादी को बिना किसी तामझाम के महज 2 हफ्तों में प्लान किया और एक दिन में ही पूरा किया। कोई भी फंक्शन नहीं रखा गया था। सब कुछ चिल्ड और सुकून भरा था। उन्होंने आगे कहा कि शादी के बाद मां ने मुझे थैक्यू बोला और कहा था कि तुमने सारा स्ट्रेस ले लिया। हमें कुछ नहीं करना पड़ा।

 

 

आत्मनिर्णय का मजबूत एग्जापल

खुद की जिंदगी से जुड़ी जरूरी फैसलों में आत्मनिर्भरता बहुत अहम होते हैं। समाज के बनाए गए नियम इंसान के द्वारा ही बनाए गए हैं और वो कोई अंतिम सच नहीं हैं। हर किसी की अपनी लाइफ होती है और टाइमलाइन खुद तय करने का हक है। सोनाक्षी ने अपने माता-पिता के ग्रैंड वेडिंग की चाहत को तोड़ा नहीं, बल्कि ये बताया कि शादी उनकी है और वो इसे सिंपल तरीके से करना चाहती हैं।

दूसरे के पैमाने पर खुद को ना खोएं

अक्सर हम दूसरों के पैमानों पर अपनी खुशियों को परखते हैं। अगर हम उस पैमान पर खरे नहीं उतरते हैं तो आत्म संदेह और असंतोष बढ़ जाता है। सच्ची खुशी तब होती है जब आप क्या चाहते हैं उसे करें।खुशियों को दूसरों की नजर से मत देखिए, उसे अपने नजरिए से जिएं।

 

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