Parenting Tips: बच्चों की परवरिश एक कला है और एक बड़ी ज़िम्मेदारी भी। हर कोई इसे अच्छे से नहीं निभा सकता। बच्चों को अच्छी आदतें सिखाना और उन्हें नियमित रूप से अपनाने के लिए प्रेरित करना ज़रूरी है।
Children Good Habits: बच्चों को अच्छी आदतें सिखाना और उन्हें अच्छा इंसान बनाना माता-पिता का सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य है। बचपन में सिखाई गई आदतें ही उनके भविष्य को बेहतर बनाती हैं। लेकिन बच्चों की परवरिश करना एक मुश्किल काम है। बच्चों को अच्छी आदतें कैसे सिखाएं और अपनी बात कैसे मनवाएं, यह कई लोगों के लिए एक चुनौती होती है। इसके लिए कुछ सुझाव यहां दिए गए हैं...
बच्चे हमें देखकर ही बहुत कुछ सीखते हैं। इसलिए, उनके लिए एक अच्छा उदाहरण पेश करना ज़रूरी है। साफ़-सफ़ाई, अपने आस-पास की जगह को साफ़ रखना, बड़ों का आदर करना, दूसरों की मदद करना, विनम्रता से बात करना - इन सब बातों को बच्चों को समझाने के बजाय, खुद करके दिखाना ज़्यादा असरदार होता है।
बच्चों को कम उम्र से ही समय का सदुपयोग करना सिखाएं। इससे वे भविष्य में ज़िम्मेदार बनेंगे और चीज़ों को बेहतर तरीके से मैनेज कर पाएंगे। एक समय सारिणी बनाएं और उन्हें अपने दैनिक कार्यों को व्यवस्थित रूप से करने की आदत डालें। समय बर्बाद करने के बजाय, उपयोगी कामों में समय बिताने के लिए प्रेरित करें। समय के महत्व को समझाएं।
पढ़ाई से लेकर कामकाज तक, बच्चों को आत्मनिर्भर बनाना बहुत ज़रूरी है। इससे उनमें आत्मविश्वास और ज़िम्मेदारी का भाव पैदा होगा। उन्हें खुद पढ़ाई करने, छोटे-मोटे घर के काम करने और अपनी चीज़ों को व्यवस्थित रखने की आदत डालें। गलती करने पर उन्हें डांटने के बजाय, उससे सीखने के लिए प्रेरित करें। उन्हें समझाएं कि अपने कामों के लिए आप खुद ज़िम्मेदार हैं!
बच्चों को कम उम्र से ही किताबें पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे उनकी सोचने-समझने की शक्ति, दिमाग का विकास और रचनात्मकता बढ़ेगी। रोज़ाना 15-20 मिनट कहानियां या ज्ञानवर्धक किताबें पढ़ने को कहें। किताबों के बारे में उनसे बात करें, इससे उन्हें किताबों का असली महत्व समझ आएगा। मोबाइल और टीवी का समय कम करके, पढ़ाई का समय बढ़ाएं।
सभी के साथ सम्मान से पेश आना और दया का भाव रखना बच्चों के अच्छे रिश्ते और सामाजिक जुड़ाव को मज़बूत बनाता है। घर आने वाले मेहमानों, बड़ों, जानवरों, प्रकृति और दूसरे लोगों के साथ प्यार से पेश आने की आदत डालें। उन्हें सिखाएं कि "आप दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं, यही आपकी असली इंसानियत का प्रमाण है। सम्मान दो, सम्मान पाओ!"
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बचपन से ही पौष्टिक आहार खाने की आदत डालें। इससे उनका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। ज़्यादा जंक फ़ूड खाने से बचें और उन्हें देसी खाना खाने के लिए प्रेरित करें। रोज़ाना फल और सब्ज़ियां खिलाएं। कम से कम 7-8 गिलास पानी पीने की आदत डालें।
धन्यवाद कहना एक अच्छा और सकारात्मक व्यवहार है। इससे उनके रिश्ते मज़बूत होंगे। बच्चों को धन्यवाद कहने की आदत डालें। अगर कोई उनकी मदद करता है, तो देखें कि वे "धन्यवाद" कहते हैं या नहीं।
दोस्तों और सभी के साथ समझौता करना, माफ़ करना और उदारता से पेश आना सिखाएं। अगर वे किसी प्रतियोगिता या परीक्षा में कम नंबर लाते हैं, तो उनकी कोशिश की तारीफ करें और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करें।
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