Weird Wedding Rituals: कहीं दुल्हन को किया जाता है गंदगी से लथपथ, तो कहीं महीनेभर रोती है दुल्हन

Published : Jul 02, 2025, 07:40 AM IST
Wedding Rituals

सार

Wedding Rituals: दुनिया की हर संस्कृति में शादी से जुड़ी अलग-अलग रस्में निभाई जाती हैं। कुछ रस्में बेहद खूबसूरत होती हैं, तो कुछ बेहद अजीब और अनोखी। यहां हम स्कॉटलैंड और चीन की कुछ विचित्र शादी परंपराओं के बारे में जानेंगे।

Weird Wedding Rituals in Scotland and China: शादी हर संस्कृति में एक अहम और इमोशनल पल होता है। लेकिन कुछ परंपराएं इतनी अनोखी और हैरान करने वाली होती है कि उनके पीछे के छिपे अर्थ को जानकर उसकी असली खूबसूरती समझ में आती है। आज हम बात कर रहे हैं दो ऐसी ही परंपराओं की स्कॉटलैंड का ‘ब्लैकनिंग द ब्राइड’ और चीन (तुझिया जनजाति) की ‘क्राइंग रिचुअल’।

1. 'ब्लैकनिंग द ब्राइड' – स्कॉटलैंड की मजेदार शादी रस्म

स्कॉटलैंड के ग्रामीण इलाकों खासकर हाइलैंड्स और नॉर्दर्न आइल्स में ये पुरानी रस्म निभाई जाती है। शादी से पहले दूल्हा या दुल्हन (कई बार दोनों) को उनके दोस्त और परिवार वाले कीचड़, आटा, और कभी-कभी सड़े हुए खाने या मछली की अंतड़ियों से पूरी तरह गंदा कर देते हैं। इसके बाद इन्हें पूरे गांव में घुमाया जाता है। हालांकि यह परंपरा आज बहुत कम जगह पर देखने को मिलती है, लेकिन अब यह अधिकतर एक मजेदार सोशल उत्सव बन चुका है।

क्यों निभाई जाती है यह परंपरा

माना जाता है कि यह परंपरा एक प्राचीन ‘पैर धोने’ की रस्म से विकसित हुई है, जिसे शुद्धिकरण का प्रतीक माना जाता था। ब्लैकनिंग का मकसद दूल्हा-दुल्हन को शादी के बाद आने वाली कठिनाइयों के लिए मानसिक रूप से तैयार करना और बुरी आत्माओं से उनकी रक्षा करना होता था।

2. 'क्राइंग रिचुअल' – चीन की इमोशनल विदाई

चीन के सिचुआन प्रांत में रहने वाली तुझिया जनजाति की यह अनोखी रस्म 'ज़ुओ टांग' (Zuo Tang - मतलब 'हॉल में बैठना') के नाम से जानी जाती है। यह रिवाज 400 साल से भी पुराना है। कहा जाता है कि एक राजकुमारी अपने विदाई पर इतना रोई कि वह एक परंपरा में तब्दील हो गई।

कैसे निभाई जाती है यह रस्म

शादी से एक महीना पहले दुल्हन हर रात एक घंटे तक अकेले रोती है। 10 दिनों बाद उसकी मां उसके साथ रोने लगती है, और फिर 10 दिन बाद दादी भी शामिल होती है। धीरे-धीरे यह सामूहिक रोने की प्रक्रिया बन जाता है। जिसमें बाकी महिलाएं भी शामिल होती हैं।

इस रस्म के निभाने का मकसद

इस परंपरा में रोना केवल दुख का प्रतीक नहीं, बल्कि भावनाओं का सामूहिक अभिव्यक्ति होता है। यह शादी के उस दोहरे भाव को दिखाता है, नई शुरुआत की खुशी और अपने घर से विदाई का गम। यह रस्म दुल्हन को मेंटल रूप से तैयार करती है और परिवार के साथ उसके गहरे रिश्ते को सम्मान देती है।

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