
Pemanand Ji Maharaj Pravachan:जिंदगी में कई बार अपने ही लोग हमें धोखा दे जाते हैं। चाहे वह पति-पत्नी का रिश्ता हो या प्रेमी-प्रेमिका का प्यार-वफाई अक्सर इन रिश्तों को तोड़ देती है। कई बार धोखा इतना गहरा होता है कि सामने वाले के माफ़ी मांगने के बाद भी दिल उसे माफ करने को तैयार नहीं होता। एक ऐसा ही टूटे दिल वाली महिला अपने सवाल के साथ वृंदावन पहुंची प्रेमानंद जी महाराज के पास। उनके जवाब ने न सिर्फ उस महिला को सहारा दिया, बल्कि हर उस इंसान के लिए प्रेरणा बन गया, जिसने कभी सच्चे दिल से प्यार किया और बदले में सिर्फ चोट पाई।
महिला का सवाल:यदि कोई व्यक्ति अपनी गलती के लिए क्षमा और सुधार का अवसर मांगे, और सही मार्ग पर लौटना चाहे, तो क्या उसे यह अवसर देना चाहिए?
प्रेमानंद जी महाराज का उत्तर: हां, देना चाहिए… देना चाहिए। गलती तो किसी से भी हो सकती है। कभी-कभी अच्छे लोग भी कुसंग के प्रभाव या अपनी वासनाओं के वश में आकर गलती कर बैठते हैं। लेकिन जब वह व्यक्ति सच्चे मन से पश्चाताप करता है और कहता है, ‘कृपया मुझे एक मौका दीजिए, मैं भविष्य में कभी गलती नहीं करूंगा’ तो हमें लगता है कि उसे एक बार अवश्य अवसर देना चाहिए। एक बार उसे क्षमा कर देना चाहिए।
लेकिन यदि वह बार-बार वही गलती दोहराता है, तो यह स्पष्ट होता है कि वह केवल दिखावा कर रहा है। फिर वह ढोंग करता है, नाटक करता है। ऐसे व्यक्ति को सजा मिलनी चाहिए, उसे फिर क्षमा नहीं करना चाहिए।
कई बार व्यक्ति के हृदय में सच्चा पछतावा होता है,' मुझसे गलती हो गई, यदि मुझे एक अवसर मिल जाए, तो मैं दोबारा जीवन में ऐसा नहीं करूंगा।’ ऐसे स्वभाव वाले व्यक्ति को अवश्य एक मौका देना चाहिए।' नीचे देखिए महिला और गुरू के बीच हुई बातचीत का वीडियो…
क्या है यूजर की राय
प्रेमानंद महाराज के इस जवाब पर कई यूजर ने अपनी राय दी। एक यूजर ने लिखा, 'माफी एक बार दी जाती है बार-बार नहीं'। वहीं एक यूजर ने पूछा कि गलती में माफी लेकिन धोखा में क्या करना चाहिए? एक यूजर ने महाराज जी के जवाब को सुनकर लिखा कि गलती इंसान से होती है, पर चालाकी सोच-समझकर की जाती है… इसलिए माफी सिर्फ गलती की होती है, चालाकी की नहीं।