
Aniruddhacharya Ji Maharaj Ke Upay: आजकल रिश्तों में छोटे-छोटे विवाद आम हो गए हैं। कभी पैसे, तो कभी समय की कमी और कभी आदतें इन विवादों की वजह बनती हैं, लेकिन कई बार विवाद की वजह एकदम अनोखी और हंसाने वाली होती है। एक महिला बेहद अनोखा मामला लेकर लेकर कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज के पास पहुंच गई। उसने बताया कि पति और उसके बीच गुटखा खाने को लेकर कंपटीशन होता है। महिला की बात सुनकर अनिरुद्धाचार्य महाराज कुछ पल के लिए चौंक गए। मगर उन्होंने महिला को बड़ी सहजता से समझाया और सभी को नशा छोड़ने की सीख भी दे डाली। आइए जानते हैं महिला ने क्या कुछ कहा और उसपर महाराज जी का जवाब क्या था?
वृंदावन में प्रवचन के दौरान अनिरुद्धाचार्य महाराज के पास एक महिला पहुंची, उसके चेहरे पर मुस्कान थी लेकिन दिल में एक संकल्प। बात शुरू होते ही सब चौंक गए, जब महिला ने बड़ी सहजता से कहा…
महिला: गुरु जी, मैं गुटखा खाती हूं।
अनिरुद्धाचार्य (हैरानी से): कौन-सा?
महिला (हंसते हुए): राजश्री… लेकिन गुरु जी, छूट नहीं रहा है।
गुरु जी ने गंभीरता से पूछा: कितना खा लेती हो रोज?
महिला ने बताया: गुरु जी, मैंने प्रण लिया था कि जिस दिन वृंदावन आऊंगी और आपसे मिलूंगी, उसी दिन से गुटखा छोड़ दूंगी।
गुरु जी ने सराहना करते हुए पूछा, 'अच्छा है आपका संकल्प…पर रोज कितना खा लेती हो?'
महिला मुस्कराते हुए बोली- पचास का।
गुरु जी थोड़ा चौंके- पचास पैकेट?
महिला ने हंसकर कहा- नहीं महाराज, पचास रुपए का!
फिर गुरुजी ने अगला सवाल दागा- शादी हो गई आपकी?
महिला बोली, ‘हां गुरु जी, मेरे जो पतिदेव हैं, वो भी बहुत खाते हैं। हम दोनों कंपटीशन करते हैं।’
गुरुजी मुस्कराए और पूछाः किसने पहले शुरू किया?
महिला बोली- वो शुरू किए थे। पहले थोड़ा-थोड़ा मुझे देते थे, फिर आदत लग गई। अब तो उल्टा हो गया है। वो एक खाते हैं तो मैं तीन।
गुरु जी थोड़े गंभीर हो गए और बोले- अच्छा है ये खाना?
महिला ने साफ कहा- नहीं गुरुजी…। तभी तो सोच रखा था कि वृंदावन आऊंगी, आपसे मिलूंगी तो छोड़ दूंगी।
गुरुजी ने मुस्कराते हुए सलाह दी- बहुत अच्छा सोच है। अब इसे निभाना भी। आप गुटखा खाना छोड़ दो और अपने पति से भी कहो कि वो भी छोड़ें। ये कैंसर जैसी बीमारी देता है। नीचे देखिए महिला और गुरू के बीच हुई बातचीत का वीडियो…
मध्यप्रदेश के जबलपुर में पैदा हुए अनिरुद्धाचार्य जी महाराज एक फेमस हिंदू धर्मगुरु और कथावाचक हैं। 27 सितंबर 1989 को जन्मे अनिरुद्धाचार्य के पिता भी हिंदू पुजारी थे। उनकी शादी आरती तिवारी से हुई है और उनके 2 बेटे हैं।