प्रेमिका की गला रेतकर हत्या: जब प्यार बन जाए पजेशन, खुद पर काबू पाना क्यों है जरूरी?

Published : Jul 08, 2025, 01:01 PM IST
Crime In Relationship

सार

Crime In Relationship: रिश्ते अब सिर्फ प्यार और भरोसे तक सीमित नहीं रहें। कहीं ये जरूरत से ज्यादा कंट्रोलिंग हो जाते हैं , तो कही अविश्वास इतना गहरा जाता है क्राइम की शक्ल ले लेता है।

Love Crime: हरिद्वार में रिश्ते का खूनी खेल खेला गया। यहां पर एक युवक ने अपनी लिव इन पार्टनर हंसिका यादव की सरेआम गला रेतकर हत्या कर दी। 28 साल के प्रदीप पाल हंसिका के साथ प्रेम संबंध में था और चार साल से दोनों साथ में रह रहे थे। लेकिन अचानक एक दिन इनके बीच बहस हुई और प्रदीप हत्यारा बन गया।बताया जा रहा है कि प्रदीप को शक होने लगा था कि उसकी प्रेमिका का अफेयर कहीं चल रहा है। शक ने हत्या जैसी क्रूरता को जन्म दे दिया।

नागपुर की कहानी: लाचारी का फायदा और रिश्ते की क्रूरता

दूसरी तरफ, नागपुर में एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने लकवाग्रस्त पति की हत्या कर दी। महिला ने उस रिश्ते को खत्म कर दिया जिसमें न तो अब ‘साथ’ था, न ‘वादा’, और अपने प्रेम संबंध को छुपाते हुए एक इंसान की जिंदगी ही खत्म कर दी। दरअसल, महिला के पति को एक साल पहले लकवा मार दिया था और वो घर पर ही रहता था। लेकिन हर सुख-दुख में साथ निभाने का वादा करने वाली पत्नी लाचार पति को संभालने के लिए तैयार नहीं थी और अपनी काली करतूत को छुपाने के लिए हत्या कर दी।

रिश्ते में बढ़ती 'पजेसिवनेस' और ‘ओवर कंट्रोल’

इन दोनों घटनाओं से एक बात साफ है जब कोई रिश्ता बराबरी और इज्जत की नींव पर नहीं टिका होता, तो वह धीरे-धीरे पजेशन, असुरक्षा और गुस्से की चपेट में आ सकता है।

तू सिर्फ मेरी जैसी सोच बढ़ रही है

इन घटनाओं से एक चीज तो सामने आ रही है कि रिश्ते में अपराध बढ़ रहा है। पति-पत्नी, प्रेम-प्रेमिका एक दूसरे की जान लेने से पीछे नहीं हट रहे हैं। तू मेरी है और मुझे तेरा साथ किसी भी हाल में चाहिए जैसी सोच रहेगी तो ऐसी घटनाएं सामने आएगी। शक के आधार पर प्रेमिका की जान ली और प्रेमी को पाने के लिए पति को ठिकाने लगा दिया। जबकि अगर जरा सा भी दिमाग लगाकर दोनों अपराधी सोचते तो इस तरह की घटना नहीं होती और ना ही किसी की जिंदगी जाती।

रिश्ते को संभालने की जरूरत

शक की बजाय आपस में बातचीत करें। प्रदीप को अगर हंसिका पर शक था तो उससे बात करता। अगर उसका शक सही निकलता तो फिर राहें अलग कर लेता। रिलेशनशिप में स्पेस देना उतना ही जरूरी है जितना साथ रहना।

झूठ की बजाए सच बोल अलग हो जाते

वहीं नागपुर में हुई घटना भी सोचने पर मजबूर करती है। अगर पत्नी को लाचार पति का साथ नहीं पसंद था और उसका अफेयर कहीं चल रहा था। तो उससे बात करती। सही तरीके से उससे अलग हो जाती। एक गलत कदम की वजह से तीन जिंदगी बर्बाद हो गई। खुद और प्रेमी दोनों सलाखों के पीछे पहुंच गए और एक की जिंदगी चली गई।

कैसे बचाएं रिश्ते को?

रिलेशनशिप में कम्युनिकेशन को मजबूती दें।

मनोवैज्ञानिक मदद लें, अगर चीजें संभल नहीं रही हों।

गुस्से में लिया गया कोई भी कदम, आपके पूरे जीवन को बर्बाद कर सकता है।

 

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