
Cookie Jarring in Relationship: हर रिश्ता शुरू में मीठा लगता है, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है, तब पता चलता है कि पार्टनर का इंटेंशन कितना गहरा है। कई बार ऐसा होता है कि एक पार्टनर पूरी तरह से सीरियस होता है, जबकि दूसरा केवल कुकी जारिंग कर रहा होता है। बता दें कि रिलेशनशिप साइकोलॉजी में "कुकी जारिंग" का मतलब है, जब कोई इंसान आपको सिर्फ एक ऑप्शन या बैकअप की तरह इस्तेमाल करता है, ताकि उसकी इमोशनल या फिजिकल जरूरतें आपसे पूरी हो जाएं, लेकिन असल में वो कभी भी लॉन्ग टर्म सीरियस रिलेशन में इन्वॉल्व होने का इरादा नहीं रखता।
जैसे किचन में कुकी जार रखा होता है-जिससे जरूरत पड़ने पर कोई भी कुकी उठाकर खा ली जाती है- वैसे ही कुकी जारिंग रिलेशनशिप में भी होता है। पार्टनर आपको एक बैकअप प्लान की तरह रखता है। जब उसे अकेलापन लगता है या इमोशनल सपोर्ट चाहिए होता है, तो वह आपको याद करता है, कॉल करता है या आपके पास आता है। लेकिन जैसे ही उसकी जिंदगी में कोई और आ जाता है, और वह दूरी बनाने लगता है। यानी, आप उसके लिए एक "कंफर्ट जोन" से ज्याद कुछ नहीं होते, जो सिर्फ उसके वक्त और जरूरत के हिसाब से होता है।
अगर आपका पार्टनर बार-बार बिजी होने का बहाना बनाता है, आपके कॉल/मैसेज को अक्सर इग्नोर करता है, तो ये साइन हो सकता है कि आप उसकी प्रायोरिटी नहीं हैं।
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सोशल मीडिया या दोस्तों के बीच वह आपके साथ रिलेशनशिप को छिपाता है। यानी कमिटमेंट दिखाने से बचता है, क्योंकि उसे डर होता है कि औरों के साथ बैकअप ऑप्शन बंद हो जाएंगे।
अगर पार्टनर हमेशा “देखते हैं आगे क्या होता है” जैसी बातें करता है और लॉन्ग-टर्म प्लान पर क्लियर नहीं है, तो ये साइन हो सकता है कि वह रिलेशन को सीरियस नहीं मान रहा है।
वह तभी आपके करीब आता है जब उसे इमोशनल सपोर्ट, टाइम पास या फिजिकल अटेंशन चाहिए होता है। बाकी समय वह आपसे दूरी बनाकर रखता है।
अगर आपका पार्टनर रिलेशनशिप में होने के बावजूद भी कई लोगों से ज्यादा क्लोज रहता है, चैटिंग या फ्लर्टिंग करता है, तो यह भी कुकी जारिंग का साइन हो सकता है।
नोट- समय रहते इन साइन को पहचाने और कुकी जारिंग से खूद को बचाएं।
नहीं, कुकी जारिंग किसी भी रिश्ते में हो सकता है। यहां तक कि कई बार शादी से पहले के रिश्तों में भी एक पार्टनर सिर्फ जरूरत के हिसाब से जुड़ा रहता है, जबकि दूसरा पूरी तरह सीरियस होता है।
सबसे पहले खुद को क्लैरिटी दें कि आप क्या चाहते हैं, कैज़ुअल या सीरियस रिलेशन। अगर सामने वाला बार-बार बच रहा है, तो बातचीत करके क्लियर करना ही बेहतर है।
कभी-कभी हां, लेकिन ज्यादातर मामलों में नहीं। क्योंकि शुरुआत से ही उसका इरादा आपको बैकअप की तरह ट्रीट करने का रहा है। ऐसे में उम्मीद लगाना अक्सर दिल टूटने की वजह बनता है।