क्या है Sleep Divorce ? रिश्तों को फायदा पहुंचाने के लिए इन दिनों हो रहा काफी प्रचलित

रिलेशनशिप डेस्क. शादी के बाद कपल्स एक दूसरे के साथ ही सोते हैं। एक साथ सोना ना सिर्फ इनके बीच रोमांस को जगाता है, बल्कि रिश्ते को भी मजबूत करता है। लेकिन कई बार कुछ वजहों की वजह से बेड शेयर करना कपल्स के बीच मुश्किल हो जाता है। 

Nitu Kumari | Published : Feb 9, 2023 7:15 AM IST / Updated: Feb 09 2023, 02:22 PM IST

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कुछ कपल्स के लिए बिस्तर साझा करना रोमांचकारी होता है, तो कुछ लोगों के लिए यह सजा बन जाती है। इसके पीछे वजह पार्टनर का जोर-जोर से खर्राटा लेना। नींद में बड़बड़ाना या फिर लाइट जलाकर सोना होता है। ऐसे में सामने वाले की नींद प्रभावित होती है। ऐसे में कपल स्लीप डिवोर्स लेने का फैसला करते हैं। आज के दौर में ये आम बात होती जा रही है। आइए जानते हैं स्लीप डिवोर्स के बारे में।

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कुछ कपल्स के लिए बिस्तर साझा करना रोमांचकारी होता है, तो कुछ लोगों के लिए यह सजा बन जाती है। इसके पीछे वजह पार्टनर का जोर-जोर से खर्राटा लेना। नींद में बड़बड़ाना या फिर लाइट जलाकर सोना होता है। ऐसे में सामने वाले की नींद प्रभावित होती है। ऐसे में कपल स्लीप डिवोर्स लेने का फैसला करते हैं। आज के दौर में ये आम बात होती जा रही है। आइए जानते हैं स्लीप डिवोर्स के बारे में।

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क्‍या है स्‍लीप डिवोर्स
स्लीप डिवोर्स में पति-पत्नी हमेशा के लिए अलग नहीं होते हैं। बल्कि रात में इनका बेड सिर्फ अलग-अलग हो जाता है। नींद प्रभावित होने की वजह से कपल्स म्यूचुअल अंडरस्टैंडिंग से अलग-अलग सोने का फैसला करते हैं। इससे रिश्ते में दरार नहीं पड़ती है। आज के दौर में पति-पत्नी के बीच आपसी समझ अच्छी होती जा रही है। ऐसे में वो अलग सोते हैं तो फिर प्यार कम नहीं होता है।

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नींद है बहुत जरूर
हर कोई जानता है कि एक अच्छी नींद हेल्थ के लिए कितना जरूरी होती है। लेकिन साथ सोने से अगर किसी वजह से नींद नहीं पूरी होती है तो सुबह की शुरुआत चिड़चिड़ेपन से होती है। इतना ही नहीं हेल्थ भी धीरे-धीरे बिगड़ने लगता है। ऐसे में कपल्स अलग-अलग सोते हैं ताकि वो एक अच्छी नींद ले सकें और सुबह उठने पर फ्रेश महसूस कर सकें।

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अलग-अलग सोने के और फायदे
अलग सोने से एक और बात अच्छी हो सकती है वो है सामने वाला अपनी आदत में बदलाव कर लें। ये तो सच है कि शादी के बाद पति-पत्नी एक दूसरे के आगोश में सोए तो रिश्ते की खूबसूरती बढ़ती है। लेकिन जब बेड की दूरियां बढ़ती है तो सामने वाला सोचने पर मजबूर हो जाता है। ऐसे में वो अपनी आदत जैसे लाइट जलाकर सोना, देर रात काम करना, फोन से चिपके रहना ये सब बंद कर देता है। खर्राटा लेने वाले भी इसे लेकर सीरियस हो जाते हैं और कुछ उपाय करने में जुट जाते हैं ताकि रात में खर्राटा ना लें। वो अपनी हर खराब आदतों को छोड़ देते हैं ताकि पार्टनर के साथ सो सकें।

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स्‍लीप डिवोर्स के लिए कैसे करें बात
शादी के बाद कपल्स को लगता है कि उनके लिए सिर्फ एक कमरा है। मतलब एक बेड पर सोना जरूरी है। ऐसे में दोनों में से किसी एक को भी खर्राटा लेने या लाइट जलाकर सोने की आदत हैं तो दूसरा इसे लेकर बात नहीं करता है। बल्कि खराब मूड में भी वो उसके साथ ही सोने को मजबूर होता है। धीरे-धीरे ये रिश्ते में दूरियां लेकर आती हैं। इससे बेहतर ही कि पार्टनर आपस में बात करें और बताएं कि अगर हम अलग-अलग सोते हैं तो दोनों के लिए अच्छा होगा। इससे प्यार कम नहीं होगा, बल्कि ये और बढ़ेगा ही। एक अच्छी नींद का तार हर काम से जुड़ा होता है। जब नींद अच्छी नहीं आएगी तो कोई भी काम ढंग से नहीं होगा। 
 

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स्लीप डिवोर्स को कैसे बनाएं सफल
अगर किसी कपल्स के बीच स्लीप डिवोर्स की रजामंदी बन जाती है तो अलग सोने से पहले उन्हें कुछ काम करना चाहिए। सबसे पहले दोनों को सोने से पहले एक साथ एक से दो घंटे बेड पर गुजारने चाहिए। गृहस्थी की बातें करनी चाहिए...लव मेकिंग करना चाहिए। इसके बाद अलग कमरे या बेड पर सोने की प्रक्रिया होनी चाहिए। सुबह उठने पर साथी की बाहों में जाकर कुछ पल जरूर गुजारना चाहिए।

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