कोरोना वायरस की महामारी की वजह से लगे लंबे लॉकडाउन के चलते ज्यादातर लोगों के सामने पैसों की दिक्कत आ गई है। ऐसे में, लोगों को बचत करने की अहमियत का पता भी लग रहा है। बचत हर उम्र के लोगों के लिए जरूरी है। खासकर, बच्चों को इसकी आदत शुरू से ही लगवानी चाहिए, ताकि वे फिजूलखर्ची से बच सकें।
लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोना वायरस की महामारी की वजह से लगे लंबे लॉकडाउन के चलते ज्यादातर लोगों के सामने पैसों की दिक्कत आ गई है। ऐसे में, लोगों को बचत करने की अहमियत का पता भी लग रहा है। बचत हर उम्र के लोगों के लिए जरूरी है। खासकर, बच्चों को इसकी आदत शुरू से ही लगवानी चाहिए, ताकि वे फिजूलखर्ची से बच सकें। अगर बच्चों में बचत करने की आदत डलवाई जाए तो आगे चल कर उन्हें दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। किसी की कमाई कितनी भी ज्यादा क्यों न हो, लेकिन अगर उसमें बचत करने की आदत नहीं हो तो कभी न कभी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। जानें किन तरीकों से बच्चों में बचत करने के लिए सिखाया जा सकता है।
1. फिजूलखर्ची से दूर रखें
बहुत से लोग लाड़-प्यार में बच्चों को ऐसी चीजें भी खरीद कर देते हैं, जिनकी कोई खास जरूरत नहीं होती। बाद में बच्चे ऐसी चीजों के लिए जिद करने लगते हैं। अगर आपने बच्चे की जिद पर गैरजरूरी चीजें खरीदी तो उसका मन बढ़ता जाएगा। इसलिए बच्चे को समझाने की कोशिश करें और गैरजरूरी चीजों को खरीद कर पैसे की बर्बादी नहीं करें।
2. बताएं पैसे का महत्व
बच्चों को शुरू से ही पैसे के महत्व के बारे में बताएं। इसका मतलब यह नहीं है कि आप उसमें लालच और स्वार्थ की भावना पैदा करें, उसे सिर्फ इतना बताएं कि पैसे के बिना हम अपनी जरूरतें पूरी नहीं कर सकते। इसलिए पैसा बर्बाद करना ठीक नहीं है। पैसे से जुड़ी बुराइयों के बारे में भी बच्चों को जरूर बताएं, ताकि वह आगे चल कर किसी भी तरह से पैसा कमाना ही अपने जीवन का मकसद न बना ले।
3. बच्चे को गुल्लक खरीद कर दें
पहले हर घर में बच्चों के मिट्टी के बने गुल्लक खरीद कर दिए जाते थे, जिसमें बच्चे सिक्के डाल कर जमा करते थे। जब गुल्लक पूरा भर जाता था तो अच्छी-खासी रकम जमा हो जाती थी। अब मिट्टी के गुल्लक कम ही मिलते हैं, पर आप चाहें तो बच्चों को प्लास्टिक के गुल्लक खरीद कर दे सकते हैं। इससे बच्चों को बचत करने की आदत पड़ती है।
4. सेविंग अकाउंट खुलवाएं
बैंकों में बच्चों के लिए भी सेविंग अकाउंट खोलने की सुविधा बहुत पहले से है। बचत की आदत डलवाने के लिए बैंक में बच्चों के सेविंग अकाउंट खुलवाए जा सकते हैं। इससे बच्चों को पैसे बचा कर बैंक में जमा करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। कहावत है कि बूंद-बूंद घड़ा भरता है। छोटी रकम से शुरू की गई बचत कब बड़ी रकम में बदल जाती है, इसका पता नहीं चलता।
5. बच्चों को बताएं क्या है जरूरी
आज के समय में टीवी और दूसरे मीडिया के जरिए ऐसी चीजों का इतना ज्यादा प्रचार होता है, जो जरूरी नहीं होतीं। लेकिन रोज प्रचार देख-देख कर बच्चे ऐसी चीजों को लेने के लिए जिद करने लगते हैं। इसलिए बच्चों को यह बताना जरूरी है कि क्या जरूरी है और क्या खरीदने से पैसों की बर्बादी होगी। इसके लिए बच्चों को उदाहरण दे कर समझाया जा सकता है। इससे बच्चे फिजूलखर्ची की गंदी आदत से बचेंगे।