
Famous Places in Chitrakoot: चित्रकूट को ऋषि मुनि और संतों की भूमि कहा जाता है। ये वनवास के दौरान भगवान श्री राम की तपोभूमि थी जहां राम जी ने लक्ष्मण और सीता जी के साथ कुटिया बनाकर कुछ समय वास भी किया था। यहां की गलियां, घाट, पर्वत अपने अंदर कुछ-न-कुछ पौराणिक कथाएं समेटे हुए है। यही कारण है कि चित्रकूट न सिर्फ धार्मिक आस्था और तीर्थ स्थल का प्रतीक है, बल्कि यह प्राकृतिक खूबसूरती और शांति का बेहतरीन खजाना है, जिसे जितना लुटा जाए ये उतना ही बढ़ता है। यदि आप प्राकृतिक खूबसूरती के साथ शांति की तलाश कर रहे हैं, तो चित्रकूट की इन जगहों पर जरूर जाएं और अलग एक्सपीरियंस करिए।
चित्रकूट का प्रमुख और जीवंत जगह रामघाट, जहां मंदाकिनी नदी बहती है और जिसके किनारे में साधु-संत सालों से वास कर रहे हैं। यहां की गंगा आरती, पवित्र जल पर तैरती हुई दीया इस जगह को खूबसूरत ही नहीं दिव्य बना देती है। नदी किनारे घाट पर बैठ ध्यान करने से अद्भुत शांति और सुकून मिलता है।
इसे भी पढ़ें- पिंडदान के लिए कैसे पहुंचे गया जी, जानिए रहने-खाने से लेकर श्राद्ध में कितना आएगा खर्च?
चित्रकूट की पहचान है कामदगिरी पर्वत, इसे ही भगवान राम का वास्तविक निवास स्थल माना जाता है। यहां श्रद्धालु पर्वत की परिक्रमा करते हैं और कहा जाता है कि यहां प्रार्थना करने से सभी मनोकामना पूरी होती है। हरे-भरे पेड़ की हरियाली से सजा ये पर्वत न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी प्राकृतिक सुंदरता लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित माता सती अनुसुइया का यह आश्रम शांत वातावरण और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए जाना जाता है। कहा जाता है कि यहीं पर अनुसुइया ने कठोर तप कर ब्रम्हा, विष्णु और महेश को प्रसन्न किया था। घरे जंगलों और कल कल करती हुई नदी के बीच यह आश्रम मेडिटेशन या साधना के लिए बहुत बेहतरीन स्थान है।
इसे भी पढ़ें- रणथंभौर में 700 सालों से परिवार संग विराजे हैं श्री गणेश, अनोखा है मंदिर का इतिहास
गुप्त गोदावरी चित्रकूट का ऐसा अद्भुत और रहस्यमयी जगह है, जिसके बारे में हर किसी को नहीं पता। यहां पहाड़ों के अंदर गुफाओं से जल की धारा बहती है, इस जलधारा को देखने हजारों की भीड़ में दर्शनार्थी, श्रद्धालु और भक्तजन पहुंचते हैं। इस स्थान को लेकर यह मान्यता है कि श्री राम और लक्ष्मण ने यहां दरबार लगाया था। गुफा के अंदर की ठंडी जलधारा शांति का अनुभव कराती है।
चित्रकूट का य भरत मिलाप उस वक्त का याद दिलाता है, जब भरत ने भगवान राम के वनवास के दौरान उन्हें अयोध्या वापस लौटने के लिए अनुग्रह किया था। इस जगह को भाईयों के बीच प्रेम, त्याग और सच्चे प्रेम की मिसाल है। मंदिर का वातावरण और भजन भक्तों के मन को मोह लेती है। प्राकृतिक सुंदरता से घिरा ये जगह आत्मा, मन और शरीर को शांति देती है।