Best Lord Ganesh Temples of South India: गणेश चतुर्थी का यह पर्व बप्पा के लिए बहुत खास होता है। ऐसे में इस खास अवसर पर गणपति बप्पा का दर्शन करना चाहते हैं तो चलिए ले चलते हैं साउथ इंडिया के कुछ प्रसिद्ध मंदिर और पूरी करें अपनी मन्नत।
Most Popular Ganesh Temple in South India: गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे भारत में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में इसका महत्व और भी ज्यादा खास है। यहां भगवान गणेश के कई ऐसे प्राचीन और भव्य मंदिर हैं, जहां दर्शन करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। इस पावन अवसर पर अगर आप दक्षिण भारत की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो इन प्रमुख गणेश मंदिरों का दर्शन आपके अनुभव को और भी दिव्य और यादगार बना देगा।
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डोड्ड गणपति मंदिर, बेंगलुरु
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में स्थित डोड्ड गणपति मंदिर अपनी विशाल गणेश प्रतिमा के लिए प्रसिद्ध है। यहां की प्रतिमा लगभग 18 फीट ऊंची है और इसे एक ही पत्थर से तराशा गया है। गणेश चतुर्थी के समय यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है और मंदिर परिसर को दीपों और फूलों से सजाया जाता है।
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कनिपकम विनायक मंदिर, आंध्र प्रदेश
चित्तूर जिले में स्थित कनिपकम विनायक मंदिर की खासियत यह है कि यहां की गणेश प्रतिमा स्वयंभू है यानी धरती से प्रकट हुई है। कहा जाता है कि इस प्रतिमा का आकार धीरे-धीरे बढ़ रहा है। श्रद्धालु यहां आकर अपने पापों से मुक्ति पाने और नई शुरुआत के लिए प्रार्थना करते हैं।
पुडुचेरी का यह मंदिर अपनी 500 साल पुरानी परंपरा के लिए जाना जाता है। यहां भगवान गणेश की प्रतिमा सोने के कवच से सजी हुई है। खास बात यह है कि यहां एक हाथी भक्तों को आशीर्वाद देता है, जो पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। गणेश चतुर्थी पर मंदिर विशेष पूजा और शोभायात्रा से जगमगा उठता है।
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उचि पिल्लयार मंदिर, त्रिची (तमिलनाडु)
त्रिची के रॉकफोर्ट पर स्थित उचि पिल्लयार मंदिर समुद्र तल से 273 फीट की ऊंचाई पर बना है। यहां से पूरे शहर का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है। मंदिर तक पहुंचने के लिए कई सौ सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, लेकिन जैसे ही भक्त गणपति बप्पा के दर्शन करते हैं, सारी थकान दूर हो जाती है।
तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में स्थित यह मंदिर 7वीं शताब्दी का है और यहां भगवान गणेश की दुर्लभ मूर्ति विराजमान है, जिसमें वे अपने दाहिने हाथ में अंकुश और बाएं हाथ में दंत पकड़े हुए हैं। यह मंदिर दक्षिण भारत में वास्तुकला और भक्ति का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है।