
Bhai Dooj Ceremony in Indian State: भाई दूज, भाई-बहन के प्रेम और अपनत्व का त्योहार, जिसे पूरे भारत में अलग-अलग रस्मों-रिवाजों के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार भले ही मुख्य रूप से भाई के तिलक और बहन द्वारा मिठाइयों और उपहारों के आदान-प्रदान के लिए जाना जाता है, लेकिन हर राज्य में इसकी अपनी अलग परंपराएं और रस्में हैं। उत्तर भारत में यह मुख्य रूप से “भाई दूज” के नाम से मनाया जाता है, वहीं पश्चिम भारत में इसे “भाईबीज” कहा जाता है। इस दिन बहनें भाई की लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं और भाई अपनी बहन को गिफ्ट देकर प्यार जताता है।
उत्तर भारत में भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक करती हैं और उनके लिए मिठाइयां तैयार करती हैं। इसके अलावा, बहन भाई के माथे में रोली और चावल का तिलक करके उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं। इस दिन खास व्यंजन, पकवान और डिशेज बनाया जाता है, जैसे खीर, पूड़ी, घेवर, लड्डू, कचौड़ी, मालपुआ और जलेबी समेत कई और डिश।
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महाराष्ट्र और गुजरात में इसे भाईबीज कहा जाता है। यहां बहन अपने भाई को दही, हलवा और अन्य मिठाइयां बनाकर खिलाती हैं। खास बात यह है कि महाराष्ट्र में भाई के माथे पर सिंदूर और चंदन लगाया जाता है, और बहन भाई के लिए रक्षा और खुशहाली की कामना करती है।
पूर्वोत्तर राज्यों में और खासकर बंगाल में भाई दूज के दिन विशेष पूजा और पारंपरिक गीत गाए जाते हैं। बंगाल में इसे “भाई-पौरा” कहा जाता है, और बहनें भाई को घर पर पूजा के बाद स्वादिष्ट मिठाइयां और उपहार देते हैं। भाई-पौरा बंगाल के अहम पर्व में से एक है, जिसे बहनें राखी से भी ज्यादा धूमधाम से मनाती हैं।
दक्षिण भारत में भाई दूज उतना प्रचलित नहीं है, लेकिन कुछ हिस्सों में इसे “भाई-भाई दूज” या “भाई-बहन उत्सव” के रूप में मनाया जाता है। यहां बहनें भाई की लंबी उम्र की कामना के लिए खास दही और हलवा बनाती हैं।
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आज के समय में भाई दूज केवल पारंपरिक रस्मों तक सीमित नहीं है। बहनें अपने भाई को सोशल मीडिया पर भी शुभकामनाएं भेजती हैं, ऑनलाइन उपहार भेजती हैं और वीडियो कॉल पर तिलक करती हैं। शहरों में भाई-बहन के लिए यह दिन पारिवारिक मिलन और पार्टी का भी अवसर बन गया है।