India's Biggest Chhath Ghat: पटना-आरा नहीं, छत्तीसगढ़ के इस शहर में बनती है भारत की सबसे बड़ी छठ घाट

Published : Oct 24, 2025, 02:45 PM IST
Bilaspur Chhattisgarh Chhath festival Ghat

सार

Chhath Puja Bilaspur largest Ghat: वैसे तो छठ पूजा बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रमुख पर्व है, लेकिन इन राज्यों के बजाए इसे दूसरे राज्यों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, तभी तो भारत का सबसे बड़ा घाट बिहार में न होकर छत्तीसगढ़ में है।

Biggest Chhath Ghat: छठ पूजा, सूर्यदेव एवं छठी मइया को अर्घ्य देने वाला महा पर्व है, जिसे खासतौर पर बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश तथा नेपाल के तराई में भव्य रूप में मनाया जाता हैं। छठ पूजा नदी, तालाब या घाट किनारे होता है। लेकिन पिछले कुछ सालों में, इन राज्यों के अलावा छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित छठ घाट ने भारत में विशेष पहचान बनाई है, जिसे “सबसे बड़ा स्थायी छठ घाट” कहा जाता है। यह घाट इतना बड़ा और व्यवस्थित है कि यहां एक ही समय में हजारों श्रद्धालु एक साथ सूर्यास्त-सूर्योदय में अर्घ्य दे सकते हैं, लोकल मीडिया रिपोर्ट की माने तो यहां 50000 से भी ज्यादा लोग छठ पूजा कर सकते हैं।

घाट का महत्व और विशेषता

बिलासपुर में बने इस घाट को इसलिए खास और बड़ा माना जाता है क्योंकि यह पारम्परिक रूप से अस्थायी घाटों की तुलना में स्थायी अवसंरचना के साथ तैयार है। यानी, हर साल यहां पर लोगों के लिए घाट पर पक्का प्लेटफार्म, श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं, नदी/जलाशय किनारे घाट की व्यवस्था सरकार करती है। बिलासपुर के छठ घाट की भव्यता, विशालता और व्यवस्था इसे सभी में बड़ा और भव्य बनाती है।

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छत्तीसगढ़ में कहां भारत का सबसे बड़ा छठ घाट

बिलासपुर का छठ घाट मोपका रोड, तोरवा चौक के लगभग 400 मीटर की दूरी पर है। बिलासपुर शहर छत्तीसगढ़ के बड़े और विकसित शहरों में से एक है, यहां रेलवे, एयरवेज और रोडवेज आदि की अच्छी व्यवस्था है। इसलिए, दूसरे राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के ट्रांसपोर्ट के नजरिए से भी यह एक सुविधाजनक शहर है।

छठ पूजा के बारे में

छठ पूजा के चार मुख्य चरण होते हैं- नहाय-खाय (पहला दिन), खरना (दूसरा दिन शाम), संध्या-अर्घ्य (तीसरा दिन सूर्यास्त के समय) और उषा-अर्घ्य (चौथा दिन सूर्य उगते समय)। इस घाट को पंक्तियों में श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थित किया जाता है, जिससे अर्घ्य देते समय में अनुशासित माहौल बना रहे और भीड़-भाड़ या भगदड़ न हो। इसके अलावा, घाट किनारे लाइट, सुरक्षा, साफ-सफाई आदि पर भी खास ध्यान दिया जाता है।

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तैयारियां और प्रशासनिक प्रबंधन

इतने बड़े आयोजन के लिए स्थानीय प्रशासन, पूजा समिति व नगर निगम मिलकर काफी तैयारियां करते हैं। घाट के आसपास सुविधाओं का विस्तार किया जाता है, जैसे कि पक्का मंच, श्रद्धालुओं के लिए छांव-पानी की व्यवस्था, पानी व बिजली की व्यवस्था, प्राथमिक चिकित्सा, पार्किंग और सुरक्षा। सब कुछ सरकार श्रद्धालुओं के लिए करती है, ताकि घाट देखने आए लोगों को दिक्कत न हो। इन तैयारियों की वजह से श्रद्धालुओं के लिए पूजा सरल और सुरक्षित होता है। सही प्रशासनिक व्यवस्था के कारण हर साल पूजा करने वालों की संख्या बढ़ते जा रही है और घाट भी विस्तृत होते जा रहा है।

कौन-कौन जाते हैं छठ घाट

यह घाट मुख्य रूप से छठ पूजा के दौरान श्रद्धालुओं द्वारा भागीदारी के लिए जाना जाता है। अगर आप इस घाट पर जाना चाहते हैं तो पूजा के पूर्व-दिन (पहले दिन) से वहां पहुंचने पर माहौल आरंभ हो जाता है, और प्रमुख अर्घ्य समय (सूर्यास्त व सूर्योदय) में भीड़ देखने लायक होती है। तमाम श्रद्धालु, व्रती और दर्शकों की भीड़ देखने लायक होती है। अगर आपको छठ घाट जाना है, तो संध्या और भोर अर्घ्य के दौरान घाट पहुंचे और दिव्यता का आनंद लें।

 

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