
घूमना-फिरना किसे पसंद नहीं होता। नई जगहें देखना, नए अनुभव बटोरना, सबको अच्छा लगता है। कोई शांति ढूंढता है, कोई एडवेंचर, तो कोई समुंदर किनारे मस्ती। आजकल तो ट्रैकिंग का भी खूब चर्चा है, खासकर युवाओं में।
पहाड़, झरने, खूबसूरत वादियां, इन सबका अपना अलग ही खूबसूरत है। फिल्मों में, दोस्तों की कहानियों में, ट्रैकिंग के किस्से सुनकर मन ललचाता है। लगता है कितना रोमांचक होगा, लेकिन असलियत में ट्रैकिंग इतना आसान नहीं होता। इसके लिए अच्छी सेहत के साथ-साथ प्लानिंग और जानकारी भी जरूरी है। अगर आप पहली बार ट्रैकिंग पर जा रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, ताकि आपका अनुभव सुरक्षित और यादगार रहे। आइए जानते हैं 8 ऐसी टिप्स जो आपके काम आ सकती हैं।
ट्रैकिंग पर जाने से पहले डॉक्टर से जरूर मिलें। ऊंचाई पर जाने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
जहां ट्रैकिंग करने जा रहे हैं, वहां के रास्ते, मौसम, स्थानीय संस्कृति, आपातकालीन संपर्क नंबर, और उपलब्ध सुविधाओं के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा कर लें। इससे किसी भी अनहोनी से निपटने में मदद मिलेगी।
अच्छा वॉटरप्रूफ बैकपैक ज़रूर लें, ताकि बारिश या झरने के पानी से आपका सामान सुरक्षित रहे। अगर बैग वॉटरप्रूफ नहीं है, तो बड़े प्लास्टिक बैग या कवर साथ रखें। (और प्लास्टिक इधर-उधर ना फेंके, ये ध्यान रखें।)
ट्रैकिंग में चढ़ाई-उतराई तो होगी ही। इसलिए सिर्फ जरूरी सामान ही रखें। ज़्यादा सामान ले जाने से आप जल्दी थक जाएंगे और आपकी स्पीड भी कम हो जाएगी। हल्का और व्यवस्थित बैग, आपकी यात्रा को आसान और आरामदायक बनाएगा।
पानी, एनर्जी बार, ड्राई फ्रूट्स, या फल साथ रखें। ये आपको हाइड्रेटेड रखेंगे। लंबी यात्रा में डिहाइड्रेशन और थकान होना आम बात है। जरूरत पड़ने पर पानी में मिलाने के लिए इलेक्ट्रोलाइट पाउडर भी रख सकते हैं।
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पहली बार ट्रैकिंग कर रहे हैं तो अकेले ना जाएं। किसी ग्रुप के साथ या अनुभवी ट्रैकर के साथ जाएं। इससे सुरक्षा रहेगी और मुश्किल समय में सही फैसला लेने में मदद मिलेगी। अकेले किसी अनजान जगह पर फंसना, आपकी पहली यात्रा को खराब कर सकता है।
ट्रैकिंग में जूते बहुत महत्वपूर्ण हैं। पथरीले या फिसलन भरे रास्तों पर चलने के लिए अच्छी ग्रिप वाले आरामदायक ट्रैकिंग शूज पहनें। बारिश या गीली जगहों के लिए वॉटरप्रूफ शूज और भी बेहतर रहेंगे।
ट्रैकिंग के दौरान आराम करते रहें। लगातार चलने से थकान बढ़ेगी और आगे का सफर मुश्किल हो जाएगा। हर घंटे 10-12 मिनट का ब्रेक लें, ताकि आपकी मांसपेशियों को आराम मिल सके और आप फिर से तरोताज़ा हो सकें। इस समय का इस्तेमाल आसपास की खूबसूरती निहारने में भी कर सकते हैं। अगर थकान महसूस हो, तो तुरंत रुक जाएं। दूसरों के साथ चलने की जिद ना करें, अपनी स्थिति के बारे में बताएं।